November 26, 2024

कड़े प्रतिबंध लगाने पर बोले स्वास्थ्य मंत्री, घबराएं नहीं, कोरोना के अभी ऐसे हालात नहीं

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 नई दिल्ली 

कोरोना की नई लहर के कारण चीन की लगातार खराब हो रही स्थिति को देखते हुए भारत भी हरकत में आ गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से अलर्ट रहने के लिए कहा है। इसके लिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग का मंत्र दिया है। वहीं, लोगों के मन में कोरोना को लेकर लगाए जाने वाले पाबंदियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने साफ कर दिया है कि देश में कोरोना की स्थिति अभी ऐसी नहीं है कि कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ है, सतर्क रहें।

मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की। इस दौरान राज्यों को क्रिसमस और नए साल को लेकर मनाए जाने वाले जश्न को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'देश के हालात अभी वैसे नहीं हैं कि कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं। हम बहुत बेहतर कर रहे हैं। समय के साथ लोगों ने भी इस महामारी की गंभीरता को समझा है। वह अपने स्तर पर भी सतर्कता बरत रहे हैं। घबराने की कोई आवश्यक्ता नहीं है।'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ऑक्सीजन संयंत्रों, वेंटिलेटर, रसद और मानव संसाधन पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए 27 दिसंबर को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मॉक ड्रिल आयिजत करने की सलाह दी। दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोनो वायरस के मामलों में हालिया तेजी के मद्देनजर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक डिजिटल बैठक के दौरान उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्यों को मिलकर और सहयोगात्मक भावना से काम करने की जरूरत है, जैसा कि कोविड की रोकथाम व प्रबंधन के लिए पिछले उछाल के दौरान किया गया था।” 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए मांडविया ने राज्यों को सतर्क रहने, कोविड प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां रखने और सक्रिय दृष्टिकोण जारी रखने की सलाह दी। उन्होंने राज्यों से भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकॉग) नेटवर्क के माध्यम से स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम अनुक्रमण की निगरानी प्रणाली को मजबूत करने को कहा। मांडविया ने कहा कि देश में यदि संक्रमण के कोई नए स्वरूप हों, तो उनका समय पर पता लगाना सुनिश्चित किया जाए। 
 

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