‘मन की बात’: बोले PM मोदी, साल 2022 में हुआ एक भारत- श्रेष्ठ भारत का विस्तार
नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है। अगस्त के महीने में चला ‘हर घर तिरंगा’ अभियान भला कौन भूल सकता है, वो पल थे हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे। आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया। रेडियो और दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा, ये है- ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना का विस्तार।"
उन्होंने कहा, "2022 यानि भारत द्वारा दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल करना। 2022 यानी भारत द्वारा 220 करोड़ वैक्सीन का अविश्वसनीय आंकड़ा पार करने का रिकॉर्ड । 2022 यानि भारत द्वारा निर्यात का 400 बिलियन डॉलर का जादुई आंकड़ा पार करना। 2022 यानि देश के जन-जन द्वारा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को अपनाना। 2022 यानि भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत का स्वागत। 2022 यानि स्पेस, ड्रोन और डिफेंस सेक्टर में भारत का परचम। 2022 यानि हर क्षेत्र में भारत का दमखम।"
क्रिसमस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं
पीएम ने कहा कि आज दुनियाभर में धूमधाम से क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है। ये जीसस क्राइस्ट के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है। मैं आप सभी को क्रिसमस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं। आज हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन है। वे एक महान राजनेता थे, जिन्होंने देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के हृदय में उनके लिए एक खास स्थान है। इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा या फिर विदेश नीति, उन्होंने भारत को हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया।
ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए असरकारी है योग
नरेंद्र मोदी ने कहा, "आप सभी ने मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के बारे में सुना होगा। इस संस्थान ने रिसर्च, इनोवेशन और कैंसर केयर में बहुत नाम कमाया है। इस सेंटर द्वारा की गई एक रिसर्च में सामने आया है कि ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों के लिए योग बहुत ज्यादा असरकारी है। योग के नियमित अभ्यास से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की बीमारी के फिर से उभरने और मौत के खतरे में 15 फीसदी तक की कमी आई है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में यह पहला उदाहरण है, जिसे पश्चिमी तौर-तरीकों वाले कड़े मानकों पर परखा गया है।"
समाप्त होने की कगार पर है कालाजार
नरेंद्र मोदी ने कहा कि कालाजार की चुनौती समाप्त होने की कगार पर है। इस बीमारी का परजीवी सैंड फ्लाई नाम की मक्खी के काटने से फैलता है। सबके प्रयास से कालाजार की बीमारी तेजी से समाप्त होती जा रही है। कुछ समय पहले तक कालाजार का प्रकोप चार राज्यों के 50 से अधिक जिलों में फैला हुआ था। अब ये बीमारी बिहार और झारखंड के चार जिलों तक ही सिमटकर रह गई है। कालाजार प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से आग्रह है कि वो दो बातों का जरूर ध्यान रखें। एक है सैंड फ्लाई या बालू मक्खी पर नियंत्रण और दूसरा है जल्द से जल्द रोग की पहचान और पूरा इलाज। कालाजार का इलाज आसान है। इसके लिए काम आने वाली दवाएं भी बहुत कारगर हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तो तिरंगे के साथ Selfie भी भेजीं। आजादी का यह अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा – अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा। बता दें कि साल 2022 का यह आखिरी मन की बात है, इसके बाद अब पीएम मोदी अगले साल 2023 में लोगों से फिर जुड़ेंगे।
Mann Ki Baat के प्रमुख अंश
गुजरात के माधवपुर मेला हो, जहां, रुक्मिणी विवाह, और, भगवान कृष्ण के पूर्वोतर से संबंधों को celebrate किया जाता है या फिर काशी-तमिल संगमम् हो, इन पर्वों में भी एकता के कई रंग दिखे
2022 वाकई कई मायनों में बहुत ही प्रेरक रहा, अद्भुत रहा। इस साल भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किये और इसी वर्ष अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ़्तार पकड़ी, सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किया।
इस साल भारत को G-20 समूह की अध्यक्षता की जिम्मेदारी भी मिली है | मैंने पिछली बार इस पर विस्तार से चर्चा भी की थी। साल 2023 में हमें G-20 के उत्साह को नई ऊँचाई पर लेकर जाना है, इस आयोजन को एक जन-आंदोलन बनाना है।
आज दुनियाभर में धूमधाम से Christmas का त्योहार भी मनाया जा रहा है | ये Jesus Christ के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है। मैं आप सभी को Christmas की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।
"मुझे कोलकाता से आस्था जी का एक पत्र मिला है। इस पत्र में उन्होंने हाल की अपनी दिल्ली यात्रा का जिक्र किया है | वे लिखती हैं कि इस दौरान उन्होंने PM Museum देखने के लिए समय निकाला | इस Museum में उन्हें अटल जी की Gallery खूब पसंद आई।
कल 26 दिसम्बर को ‘वीर बाल दिवस’ है और मुझे इस अवसर पर दिल्ली में साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फ़तेह सिंह जी की शहादत को समर्पित एक कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा। देश, साहिबजादे और माता गुजरी के बलिदान को हमेशा याद रखेगा।"
हमारे यहां कहा जाता है –
यानि सत्य को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, जो प्रत्यक्ष है, उसे भी प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती।
सत्यम किम प्रमाणम , प्रत्यक्षम किम प्रमाणम |
मुझे ख़ुशी है कि Evidence- based medicine के युग में, अब योग और आयुर्वेद, आधुनिक युग की जाँच और कसौटियों पर भी खरे उतर रहे हैं।