ओडिशा में 6 लाख गरीबों को निजी अस्पतालों में मिला सरकारी पैसों से इलाज, सरकार ने चुकाए 1,389 करोड़
ओडिशा
ओडिशा में 6 लाख से अधिक गरीबों का निजी अस्पतालों में सरकारी पैसों से इलाज हुआ है। 6 लाख से अधिक लोगों ने 2022 में राज्य सरकार की हेल्थ स्कीम 'बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना' के तहत प्राइवेट हॉस्पिटल में मुफ्त में इलाज करवाया है। इस साल 1 जनवरी से 25 दिसंबर तक 6.31 लाख उन गरीब लोगों को निजी अस्पतालों में इलाज मिला, जिनके पास बीएसकेवाई स्मार्ट कार्ड या पीडीएस कार्ड है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव शालिनी पंडित की अध्यक्षता में हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने गरीब मरीजों के मुफ्त इलाज के लिए प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों को 1,389 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। स्टेट हेल्थ एश्योरेंस सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बृंदा डी ने कहा कि ये मरीज ओडिशा के सभी 30 जिलों से थे। इन अस्पतालों में ओडिशा सरकार की ओर से 'स्वास्थ्य मित्र' नियुक्त किए हैं जिन्होंने रोगियों का हाथ पकड़कर इलाज में सहायता प्रदान की।
मरीजों की मदद के लिए 'स्वास्थ्य मित्र' सेवा भी चालू
राज्य सरकार ने लिस्टेड हॉस्पिटल्स में इलाज के लिए BSKY लाभार्थियों के मार्गदर्शन और सहायता के लिए 'स्वास्थ्य मित्र' सेवा शुरू की है। कार्ड के इस्तेमाल, कैशलेस इलाज और अन्य मामलों से जुड़ी समस्याओं पर तुरंत ध्यान देने के लिए इनकी नियुक्ति हुई है। 'स्वास्थ्य मित्र' रोगियों की आपातकालीन आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए समय रहते इलाज मुहैया कराने में भी मदद करते हैं।
आयुष्मान भारत योजना को ओडिशा ने नहीं किया लागू
जानकारों का कहना है कि गजपति, कंधमाल, सोनपुर, नुआपाड़ा, रायगड़ा, नबरंगपुर, कोरापुट और मल्कानगिरी जिलों के दूरदराज के क्षेत्रों में बीएसकेवाई के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इससे राज्य के हर एक जरूरतमंद तक इस योजना का लाभ पहुंचाने में काफी हद तक मदद मिलेगी। ओडिशा देश के उन चंद राज्यों में से एक है, जिन्होंने गरीबों के लिए केंद्र सरकार की स्वास्थ्य कवरेज स्कीम 'आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना' को स्वीकार नहीं किया। सितंबर 2018 में आयुष्मान भारत लॉन्च किया गया था, उस समय ओडिशा सरकार ने यह दावा करते हुए इसे लागू नहीं किया कि उसकी अपनी योजना इससे बेहतर है।