पहाड़ों से आई बर्फीली हवाओं से ग्वालियर- चंबल अंचल में शीतलहर का प्रकोप
भोपाल
मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बीते तीन दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पहाड़ों से आई बर्फीली हवा और उत्तरी इलाके से आई सर्द हवा के कारण अधिकांश जगहों पर तापमान में गिरावट आई है। ग्वालियर-चंबल में इसका सबसे ज्यादा असर है जिसके चलते वहां शीतलहर जैसे हालात पैदा हो गए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों तक मौसम में खास बदलाव की संभावना नहीं है। 30 और 31 दिसंबर को तापमान थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन नए साल की शुरुआत में फिर कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि एक जनवरी से तापमान में फिर से गिरावट आएगी और ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। नए साल के पहले या दूसरे दिन कोहरा भी छाने के आसार हैं।
बर्फीली हवाओं के कारण रविवार-सोमवार की दरमियानी रात पूरे मध्य प्रदेश में ग्वालियर सबसे ज्यादा ठंडा रहा। प्रदेश में सबसे कम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस भी यहीं दर्ज किया गया। अगले दो दिन तक पारे में गिरावट की संभावना नहीं है। शीतलहर के कारण लोग अलाव का सहारा लेने को मजबूर हैं। केवल ग्वालियर शहर ही नहीं, बल्कि बर्फीली हवा की दस्तक के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल में हाड़ कंपा देने वाली सर्दी से लोग जूझ रहे हैं।
मौसम विभाग ने बताया है कि वातावरण में नमी की मात्रा कम होने और उत्तर भारत के रास्ते अंचल में आ रही बर्फीली हवा के चलते मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर सहित हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश में पड़ रहे कोहरे के चलते भी आने वाले दिनों में ग्वालियर-चंबल अंचल में ठंड का कहर जारी रहने की संभावना है। दिसंबर के आखिरी सप्ताह में सर्दी के तेवर ऐसे ही तीखे बने रहेंगे।