सरकार की योजनाओं की ताजी स्थिति जानने,मंत्री के साथ तैनात होगा रिसर्चर
भोपाल
प्रदेश सरकार मंत्रियों के प्रभार के जिलों और अन्य दौरों के दौरान उनके कार्यक्रमों और सरकार की योजनाओं के कार्यक्रमों की ताजी स्थिति जानने के लिए उनके साथ एक-एक रिसर्चर लगाएगी। मंत्रियों को यह भी ध्यान रखना है कि अगर किसी एक विभाग ने दूसरे विभाग को चिट्ठी लिखी है तो उसके निराकरण और क्रियान्वयन के लिए उसका फालोअप हर हाल में होना चाहिए।
मंत्रियों की कैपिसिटी बिल्डिंग में उनके मेल मुलाकात और एक्टिविटी पर फोकस करने के साथ ही सरकार यह भी ध्यान रखेगी कि वरिष्ठ अधिकारियों के समूह और मंत्री समूह बैठक एवं संवाद कर व्यवस्था को पुख्ता बनाएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसी तारतम्य में मंत्रियों से कहा है कि मंत्रीगण के साथ एक-एक रिसर्चर संलग्न करने पर भी विचार किया गया है, ताकि आंकड़ों और कार्यक्रमों की वर्तमान स्थिति की अद्यतन जानकारी प्राप्त कर उपयोग किया जा सके।
हर जिले में होगा सीएम फैलो
इस क्रम में अब प्रत्येक जिले में एक-एक सीएम फैलो सम्बद्ध किया जाएगा जो जिले के प्रभारी मंत्री को भी आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। अति सफल क्रियान्वयन वाली योजनाओं की केस स्टडी का कार्य भी किया जाएगा। इससे अन्य प्रांतों तक मध्यप्रदेश के श्रेष्ठ कार्यों का संदेश पहुंच सकेगा। भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार संबंधी चार स्थायी मंत्री समूह बेहतर परिणामों के और विकास कार्यों की गति बढ़ाने की दिशा में निरंतर कार्य करेंगे। मंत्रियों से कहा गया है कि यदि कोई विभाग अन्य विभाग को चिट्ठी लिखता है और उसका फॉलोअप न हो तो एक-दो दिन का कार्य कई दिन तक लंबित रहता है। इसलिए केंद्र सरकार की मंशा के मुताबिक मंत्रियों में मिशन कर्मयोगी की भावना बढ़ाना है। मिशन कर्मयोगी योजना कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के उद्देश्य को भी पूरा करेगी।
कर्मचारियों की मनोवृत्ति में बदलाव पर भी चिंतन
मंत्रियों की कैपिसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग में यह प्रस्ताव भी आया है कि सरकार में उपलब्ध मानव संसाधनों का आकलन कर वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं को बनाना आज की जरूरत है। कर्मचारियों के हुनर में वृद्धि के साथ ही उनकी मनोवृत्ति में आवश्यक परिवर्तन को केंद्र में रखकर चिंतन किया जा रहा है। व्यक्ति और संस्थान की भूमिका पर विचार से विभागों के कार्य प्रदर्शन को पूर्व की स्थिति से आदर्श बनाना संभव है। नागरिक सेवाओं में आवश्यक सुधार और विभागीय बजट की तरह वार्षिक क्षमता विकास योजना बनाना समय की मांग है।