November 24, 2024

महापौर ने परिषद का किया बहिष्कार, धरने पर बैठीं

0

सिंगरौली
बहुप्रतीक्षित नगर निगम परिषद की बैठक आहूत की गयी। जिसमें पार्षदों ने विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर जमकर हंगामा किया। हर दो महीने पर बैठक बुलाये जाने के सवाल पर तथा कथित रूप से महापौर द्वारा अड़ंगा डालने के कारण पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पेयजल के प्रस्ताव को परिषद की बैठक में न लाने तथा अनेक सवालों पर एमआईसी सदस्यों द्वारा जवाब न मिलने पर पार्षदों ने खूब शोर मचाया। बहुत से सवालों का जवाब निगम के अधिकारियों ने दिया। इसपर भी पार्षदों को ऐतराज था। हंगामेदार बैठक में बार-बार सवालों को लेकर महापौर को लताड़ने के कारण महापौर ने बैठक का बहिष्कार कर दिया तथा निगम के मुख्य द्वार पर एमआईसी सदस्यों के साथ धरने पर बैठ गयीं।

बैठक में प्रमुख रूप से बाजारों बैठकी वसूली का मामला छाया रहा। महापौर का परिषद अध्यक्ष पर आरोप था कि उन्होने बाजार बैठकी के प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल नहीं किया। पार्षदों द्वारा पूछे गये सवालों तथा जवाब केबाद यह तथ्य उभरकर सामने आया कि उक्त एजेंडे को कमिश्रर के पास भेजा गया था कमिश्नर ने उस एजेंडे को पुन: एमआईसी को पुनर्विचार के लिए भेजा था। एमआईसी की बैठक नहीं हुयी और ना ही उस एजेंडे पर पुनर्विचार हुआ। इसलिए शासन के नियमों के अनुसार उसको एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है। पार्षद परमेश्वर पटेल ने कहा कि बिना एमआईसी की बैठक बुलाये पुनर्विचार कैसे होगा। जबकि महापौर के पास तेरह समस्याओं के एजेंडे थे, फिर भी बैठक को लम्बित किया गया। पार्षद शेखर सिंह ने कहा कि परिषद की बैठक होना पार्षदों का हक है इसपर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

उक्त मामले में कमिश्रर श्री पवन सिंह ने स्पष्टीकरण देते हुये बताया कि किसी भी कार्य संचालन में नियम है कि ऐसे प्रस्ताव जो अधिनियम संगत नहीं हैं उसमें कम से कम दो बार एमआईसी को पुनर्विचार के लिए भेजा जाता है। बैठक में पुनर्विचार के बाद भी यदि प्रस्ताव अधिनियम के तहत नहीं है तो उसे खारिज करने के लिए शासन को भेज दिया जाता है। महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने इस मुद्दे पर कहा कि महापौर के द्वारा जो भी प्रस्ताव भेजा जाता है उसे परिषद की बैठक में शामिल किया जाना चाहिए यह भी नियम है। महापौर के बयान के बाद परिषद में पार्षदों द्वारा जमकर हंगामा किया गया। जिससे महापौर अपने आसन से उठकर खड़ी हो गयीं और सदन से बाहर चली गयीं।

कार्यवाही के अगले चरण में भारतेन्दु पाण्डेय ने कहा कि पार्षद चाहते हैं कि शहर की शक्ल सूरत बदले इसीलिए परिषद का निर्माण किया जाता है। परिषद की बैठक हो तभी समस्याओं का समाधान होगा। बैठक के दौरान अमृत जल योजना पर जमकर चर्चा हुयी। सारे पार्षदों ने जिनके वार्डों में अमृत जल योजना के तहत काम आधा अधूरा छोड़ा गया है उसपर जवाब मांगा गया। कई सवालों के जवाब में निगम के क्रियाकलापों की कलई खुली तथा अनियमितता खुलकर सामने आयी। शहर में घूम रहे आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए गौशाला पर भी सवाल जवाब हुये। जिसमें निगम अधिकारियों द्वारा दिये गये जवाब संतोषप्रद नहीं थे।

पार्षद विकास नहीं चाहते, जनहित के मुद्दो को शामिल नहीं किया जा रहा है: महापौर
परिषद की बैठक का बहिष्कार करने के बाद निगम के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठी महापौर श्रीमती रानी अग्रवाल ने कहा कि बाजारों में बैठकी वसूली से गरीब जनता का जमकर शोषण होता है। ऐसे मुद्दे पर बने प्रस्ताव को साजिश के तहत परिषद बैठक के एजेंडों में शामिल नहीं किया गया। ऐसे बहुत से प्रस्ताव लंबित हंै जिन्हें शामिल नहीं किया जा रहा है। इसलिए वह धरन| पर बैठी हैं

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *