यूरोप में एक और जंग के आसार,सर्बिया और कोसोवो के बीच टकराव बढ़ा
मित्रोविका
यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप में एक और युद्ध की आहट तेज हो गई है। दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश सर्बिया और कोसोवो के बीच टकराव बढ़ गया है। सर्बिया ने भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती कोसोवो सीमा पर की है। उधर, उत्तरी कोसोवो में सर्बिया कम्यूनिटी के लोगों ने मित्रोविका शहर की सड़कों पर अवरोधक लगा दिए हैं।
यह शहर जातीय आधार पर विभाजित है। यहां कोसोवो सर्ब और जातीय अल्बानिया में संघर्ष होता रहा है। यहां जातीय अल्बानिया की आबादी ज्यादा है।
सर्बिया के रक्षा मंत्री मिलोस वूसेविक ने एक बयान में कहा, "सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक ने सर्बियाई सेना को सीमा पर उच्चतम स्तर की लड़ाकू तत्परता, यानी सशस्त्र बल के उपयोग के स्तर पर तैयार रहने का आदेश दिया है।" उन्होंने रायटर्स को बताया कि राष्ट्रपति ने कोसोवो सीमा पर सैनिकों की संख्या 1500 से बढ़ाकर 5000 करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि साल 2008 में कोसोवो सर्बिया से आजाद हुआ है। उसी समय से दोनों देश एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। कोसोवो का आरोप है कि सर्बिया रूस के इशारे पर काम कर रहा है और उसे अस्थिर कर हड़पने की कोशिश में है।
मौजूदा झगड़ा कैसे बढ़ा?
आजादी के बाद से ही कोसोवो सर्बिया पर रूस के इशारे पर काम करने का आरोप लगाता रहा है। 25 दिसंबर को दोनों देशों ने एक-दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया। कोसोवो का आरोप है कि फायरिंग सर्बिया की तरफ से हुई, जबकि सर्बिया का आरोप है कि कोसोवो में तैनात नाटो के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय सेना की तरफ से फायरिंग की गई थी। इसके बाद दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ गए और दोनों के बीच जारी गतिरोध अब युद्ध के मुहाने पर पहुंच गया है।
अगर इन दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थित बनती है तो रूस और नाटो आमने-सामने आ जाएंगे। तब फिर से एक लंबे युद्ध की आशंका गहरा सकती है।