November 24, 2024

नए साल से प्रदेश में कड़ाके की ठंड और कोहरे का दिखेगा असर, शीतलहर-कोहरे का अलर्ट, जानें अपडेट

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भोपाल
नए साल से प्रदेश में कड़ाके की ठंड और कोहरे का असर दिखाई देगा। 29 दिसंबर को एक नया सिस्टम एक्टिव होगा, जिसका असर 31 दिसंबर तक रहेगा। अगले 24 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान में बदलाव और उसके बाद 2-3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना है। नए साल से फिर दिन और रात के तापमान में गिरावट आना शुरू हो जाएगी और ठंड बढ़ेगी।

एमपी मौसम विभाग (MP Weather Today) के अनुसार गुरूवार 29 दिसंबर को एक पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में प्रवेश करने से तापमान में वृद्धि हो सकती है।  अगले 48 घंटों के दौरान मौसम में फिर बदलाव होगा। 30 दिसंबर को भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के कुछ इलाकों में बादल छा सकते हैं।  30-31 दिसंबर को तापमान-कोहरे में वृद्धि के आसार है।  अगले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड के साथ भिंड, मुरैना, श्योपुर कलां, शिवपुरी, ग्वालियर व दतिया में कोहरा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी के जिलों में कोहरा दिखाई देगा।

एमपी मौसम विभाग (MP Meteorological Department) की मानें तो आज 28 और 29 दिसंबर को उत्तरी हवा जारी रहने से दिन व रात में ग्वालियर-चंबल संभाग में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा छाने के आसार है। तापमान में भी बदलाव देखने को मिलेगा । ग्वालियर में मौसम प्रणाली के आगे बढ़ने पर हवा के ऊपरी भाग के चक्रवात के रूप में परिवर्तित होने पर पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फबारी होने पर तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और जबलपुर- भोपाल समेत प्रदेशभर में कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी।  पश्चिमी विक्षोभ के जाने के बाद फिर तेजी से पारा गिरेगा और नए साल में ठंड बढ़ेगी, कई जिलों में शीतलहर का असर भी दिखाई देगा।

क्या कहता है मौसम विभाग

    मध्य प्रदेश मौसम विभाग (MP Weather update) की माने तो  वर्तमान में उत्तर भारत में कोई प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है, लेकिन एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास बना हुआ है, इसके आगे बढ़ने पर हवा के ऊपरी भाग के चक्रवात के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है।इसके असर से गुरुवार को उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी और वर्षा होगी और पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने पर कड़ाके की ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी।

    एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में निचले और मध्य क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित है। दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर स्थित डिप्रेशन पूर्व-उत्तर की ओर जाने के बाद यह धीरे-धीरे आगे बढकर एक लूप बना सकता है या फिर अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर श्रीलंका में कोमोरिन क्षेत्र की ओर बढ़ सकता है।

 

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