सीरम इंस्टीट्यूट भारत सरकार को कोविशिल्ड वैक्सीन की 2 करोड़ खुराक मुफ्त देगा,सर्दियों के बाद खत्म होगी महामारी
भोपाल
कोविड संक्रमण बढ़ने की आशंकाओं के बीच देश में कोविड रोधी टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने ऐलान किया है कि वह केंद्र सरकार को ‘कोविशील्ड’ के दो करोड़ डोज मुफ्त मुहैया कराएगी। इस बीच मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास ने बड़ी पहल करते हुए अपना जन्म दिन जश्नपूर्ण तरीके से नहीं मनाने का फैसला किया है। वे आज अपने जन्म दिन पर कोरोना वॉरियर्स के बीच पहुंचे। यहां उन्होंने बूस्टर डोज काउंटर का उद्घाटन किया।
कुछ देशों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार को कोविशिल्ड वैक्सीन की दो करोड़ खुराक मुफ्त देने की पेशकश की है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया ने बताया कि एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर 410 करोड़ की मुफ्त खुराक देने की पेशकश की है।
सिंह ने मंत्रालय से जानना चाहा है कि डिलीवरी कैसे की जा सकती है। सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने अब तक राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के लिए सरकार को कोविशील्ड की 170 करोड़ से अधिक खुराक प्रदान की है। चीन और दक्षिण कोरिया सहित कुछ देशों में कोविड-19 मामलों में तेजी के बीच सरकार ने अलर्ट जारी किया है और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है। भारत ने कोविड पॉजिÞटिव नमूनों की निगरानी और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ा दी है। केवल 27 प्रतिशत पात्र वयस्क आबादी ने एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) ली है। सरकारी अधिकारियों ने इसे लेने के लिए लोगों से अपील की है। एक्सपर्ट ने आगाह किया कि अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि देश में जनवरी में कोविड में उछाल देखा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अगर कोई लहर आती भी है, तो मृत्यु और अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम होगी।
सर्दियों के बाद खत्म होगी महामारी?
बर्लिन के चेरिटे यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में वायरोलॉजी के हेड क्रिश्चियन ड्रोस्टन ने कोरोना महामारी को लेकर कहा, सर्दियों के बाद महामारी को खत्म माना जा सकता है क्योंकि अब ये एंडेमिक की तरफ बढ़ चुकी है। इसका मतलब है कि कोविड बाकी बीमारियों की तरह मौजूद तो रहेगा लेकिन बहुत सीमित क्षेत्र में और कम खतरनाक रूप में। जैसे-जैसे वायरस से बचाव के तरीके इजाद होते रहते हैं, वह वायरस इतना घातक नहीं रहता और इतना नुकसानदायक भी नहीं रहता, जितना शुरू में होता है।