November 23, 2024

 2023 के प्रदेश चुनाव में बीजेपी के गुजरात फॉर्मूला अपनाने से सिंधिया समर्थकों की उड़ी है नींद, टिकट कटने को लेकर सस्पेंस बरकरार

0

भोपाल

गुजरात में बीजेपी ने 40 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकिट काट दिए। नतीजे आए तो BJP ने कुल सीटों में से 86 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। गुजरात की बंपर जीत के बाद आने वाले 2023 के मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाने की सम्भवना बढ़ गए है। अगर गुजरात फार्मूला अपनाया जाता है तो मध्य प्रदेश में BJP के मौजूदा 122 में से 48 विधायक के टिकिट पर तलवार लटक जाएगी। मध्य प्रदेश में संगठन ने भी साफ कर दिया है कि गुजरात की तर्ज़ पर चुनाव लड़ा जाएगा। यही वजह है कि उपचुनाव में हारने वाले सिंधिया समर्थकों के टिकिट कटने के आसार नजर आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने तैयारियां शुरू कर दी है। 2018 में MP में कांग्रेस ने BJP को झटका देते हुए 15 साल बाद वापसी हुई थी। लेकिन 2020 में सिंधिया की कांग्रेससे बगावत के बाद BJP फिर से काबिज़ हो गई। यही वजह है कि 2023 में BJP के लिए चुनाव बड़ी चुनोती है। यही वजह है कि नेतृत्व और प्रत्याशियों को लेकर बीजेपी में अभी से लॉबिंग शुरू हो गई है। इसी बीच गुजरात में 40 फीसदी पुराने चेहरों के टिकट काटकर बीजेपी के केंद्रीय संगठन ने सभी राज्यों को मैसेज दिया है। इसके बाद MP में बीजेपी के नेताओं में भी यह चर्चा छिड़ गई है। माना जा रहा है कि MP में पार्टी की अंदरूनी खींचतान के बीच BJP गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है। संगठन की बैठकों में नेतृत्त्व ने मौजूदा मंत्री विधायकों को ये MSG भी दे दिया है।

मध्य प्रदेश में अगर गुजरात की तर्ज़ पर चुनाव लड़ा जाता है तो BJP 40 फीसदी टिकिट बदल सकती है। ऐसे में मौजूदा 122 विधायक मंत्रियों में से 48 के टिकिट पर तलवार लटक जाएगी। वहीं 111 सीट पर हारे हुए चेहरे भी बदले जा सकते हैं। गुजरात फॉमूले के चलते सिंधिया समर्थक मौजदा मंत्री विधायक और उपचुनाव में हारे हुए लोगों के टिकट पर तलवार लटक जाएगी।

ये ग्वालियर चंबल संभाग के डेंजर जोन वाले विधायक ओर पूर्व विधायक
इनमे डबरा से इमरती देवी, ग्वालियर से मुन्ना लाल गोयल, करैरा से जसवंत जाटव, मुरैना से एदल सिंह कंसाना, रघुराज कंसाना, गिरिराज दंडौतिया, भिंड गोहद से रणवीर जाटव के टिकिट पर तलवार लटकेगी।

गुजरात मे टिकिट कटने के बाद बंपर जीत से सिंधिया समर्थक भी मानसिक रूप से तैयार हैं। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों का कहना है कि BJP नेतृत्व जो फैसला करेगा उसके लिए वो तैयार है। तो वहीं कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि MP में BJP खेमे में बंटी हुई है लिहाज़ा चुनाव के दौरान टिकिटों के लिए भी मारामारी होगी। और BJP की टूटफूट से कांग्रेस को फायदा मिलेगा।

इसलिए खास है ग्वालियर- चंबल
अंचल में कुल विधानसभा सीटें 34
2018 विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद
BJP – 07
CON- 26
BSP- 01

2020 के विधानसभा उपचुनाव में BJP ने 16 में से 9 सीटें जीत ली
आंकड़ा BJP 07 से बढ़कर 16 हुई। कांग्रेस 26 से घटकर 17 पर आ गई। इसी साल भिंड के BSP विधायक संजीव सिंह ने BJP का दामन थामा- अब BJP- CONG बराबर हो गई हैं। वैसे मध्यप्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में BJP की चुनावी कमान केंद्रीय नेतृत्व के हाथों में रहेगी। 2018 में मिली हार से सबक लेते हुए BJP अब एमपी में गुजरात फॉर्मूले पर चुनाव में उतरेगी। इसके लिए MP BJP ने सभी विधायक मंत्रियों और टिकिट के दावेदारों को संगठन का सबक पढ़ाया रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *