प्रदूषण और सर्द मौसम से अस्थमा, वायरल फीवर से निमोनिया के बढ़ रहे मरीज
भोपाल
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण और सर्द मौसम में अस्थमा के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी है। इस मौसम में अस्थमा या सांस की समस्या से बचने के लिए कोरोना पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है। कोरोना संक्रमण के कारण इनके फेफड़े पहले ही प्रभावित हैं। यदि सावधानी नहीं रखी तो अस्थमा अटैक और एलर्जी की शिकायत बढ़ जाएगी।
सर्दी में वायु कणों की मात्रा नीचे होने से बढ़ी परेशानी
चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी में वायरल फीवर का प्रकोप भी रहता है। ऐसे में अस्थमा और वायरल फीवर के कारण निमोनिया के मरीज भी बढ़ रहे हैं, जो ज्यादा खतरनाक बन रहे हैं। दरअसल यह सारी समस्या बढ़ते प्रदूषण और सर्दी के कारण है। इस मौसम में वायु में कण की मात्रा नीचे स्तर पर ज्यादा होती है, जिससे हर कोई व्यक्ति प्रभावित होता है।
बगैर मॉस्क के नहीं निकले कोरोना पीड़ित
कोरोना पीड़ित को मास्क पहनकर ही घूमने की आवश्यकता है। अस्पतालों में रोजाना 40 से 50 मरीज सांस की समस्या की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं सर्द मौसम में वायरल फीवर ने सांस की समस्या को और बढ़ा दिया है और मरीज निमोनिया से पीड़ित हो रहे हैं। इससे बीमारी का खतरा और बढ़ रहा है। ठंड में अस्थमा के मरीजों की संख्या में इजाफा होता ही है लेकिन इस बार मौसम में हुए बदलाव के कारण अन्य वर्षों की तुलना में ज्यादा हो गई है।
यह बोले चिकित्सक
मौसम परिवर्तन व प्रदूषण के कारण अस्थमा व सांस लेने की शिकायत लेकर रोजाना बढ़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। एक से दो मरीजों को रोजाना भर्ती कर रहे हैं। ठंड के मौसम में मास्क पहनने व खानपान में ध्यान रखकर इसे बचा जा सकता है।
डॉ. एके श्रीवास्तव, हमीदिया अस्पताल