September 23, 2024

सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण,बेमिसाल रफ्तार से 400 किमी रेंज में लक्ष्य भेदने में सक्षम

0

नई दिल्ली

भारतीय वायु सेना ने गुरुवार को Su-30 MKI फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय वायु सेना ने लंबी दूरी पर जमीन/समुद्री लक्ष्यों के खिलाफ सुखोई-30 लड़ाकू विमानों से सटीक हमले करने की क्षमता हासिल की. यह परीक्षण बंगाल की खाड़ी में की गयी है. बयान में कहा गया है कि SU-30MKI विमान के साथ मिलने से मिसाइल की विस्तारित सीमा क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. इस सफलता ने भारतीय वायु सेना को एक रणनीतिक पहुंच प्रदान की है.

इस टेस्टिंग के साथ ही भारतीय वायुसेना ने सुखोई फाइटर जेट से जमीन या समुद्र में लंबी दूरी के टारगेट्स पर निशाना लगाने की मारक क्षमता हासिल कर ली है. प्रेसिसन स्ट्राइक करने की क्षमता बढ़ गई है. परीक्षण में भारतीय वायुसेना के साथ DRDO, भारतीय नौसेना, बीएपीएल और HAL शामिल थे. ब्रह्मोस के इस वर्जन से सुखोई की मारक क्षमता बढ़ गई है.  

यानी फाइटर जेट के जरिए समुद्र में 400 किलोमीटर दूर मौजूद दुश्मन के जंगी जहाज को नष्ट किया जा सकता है. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. कुछ महीने पहले भी इसी फाइटर जेट से Indian Navy के डिकमीशन्ड जहाज पर ब्रह्मोस मिसाइल से लाइव फायर किया गया था. मिसाइल ने जहाज में एक बड़ा गड्ढा कर दिया था.

भारत सरकार अपनी टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज बढ़ा रही है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात हैं. पिछले साल 8 दिसंबर 2021 वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. इसमें रैमजेट इंजन (Ramjet Engine) तकनीक का उपयोग किया गया है. ताकि इसकी गति और सटीकता और ज्यादा घातक हो जाए.

भारतीय वायुसेना के सुखोई-30MKI फाइटर जेट्स में भी ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात हैं. इसकी रेंज 500 किलोमीटर है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है. इसके अलावा पनडुब्बियों में लगाने के लिए ब्रह्मोस के नए वैरिएंट का निर्माण जारी है. अगले साल तक इन फाइटर जेट्स में ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी पूरी होने की संभावना है. 

ब्रह्मोस मिसाइल हवा में ही मार्ग बदलने में सक्षम है. चलते-फिरते टारगेट को भी ध्वस्त कर सकता है. यह 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम हैं, यानी दुश्मन के राडार को धोखा देना इसे बखूबी आता है. सिर्फ राडार ही नहीं यह किसी भी अन्य मिसाइल पहचान प्रणाली को धोखा देने में सक्षम है.  इसको मार गिराना लगभगल अंसभव है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *