दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ी पेले का 82 साल की थी उम्र निधन
साओ पाउलो
राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले दुनिया से रुख्सत हो गए. साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल के एक बयान के मुताबिक, कोलन कैंसर के कारण गुरुवार को पेले के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिसके चलते उनका उनका निधन हो गया. पेले को पिछले महीने श्वसन संक्रमण और पेट के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले हफ्ते जब अस्पताल ने कहा था कि कैंसर बढ़ने के साथ उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है तब से ही अनहोनी की आशंकाएं फैन्स के मन में उठने लगी थी.
फुटबॉल का मतलब- पेले
60 से अधिक सालों तक एडसन एरंटेस डो नासिमेंटो यानी कि पेले फुटबॉल का पर्याय बने रहे. पेले कुल चार विश्व कप में खेले और वह तीन बार चैम्पियन बने. लेकिन पेले की विरासत उनके ट्रॉफी कैबिनेट और उल्लेखनीय गोल स्कोरिंग रिकॉर्ड से कहीं आगे तक फैली हुई है. पेले ने कहा था, 'मैं फुटबॉल खेलने के लिए पैदा हुआ था, ठीक वैसे ही जैसे बीथोवेन संगीत लिखने के लिए और माइकल एंजेलो पेंट करने के लिए पैदा हुए थे.'
तीन बार फीफा वर्ल्ड कप जीत चुके पेले
ब्राजील के मिनस गेरैस राज्य में जन्मे दिग्गज फुटबॉलर अभी भी सेलेकाओ (ब्राजील) के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 92 मैचों में 77 गोल किए। एक पेशेवर फुटबॉलर के रूप में पेले ने कुल तीन बार फीफा विश्व कप (1958, 1962, 1970) जीता जो अभी भी एक व्यक्तिगत फुटबॉलर के लिए एक रिकॉर्ड है।
पेले का जन्म 23 अक्टूबर 1940 को मिनस गेरैस राज्य के ट्रेस कोराकोस में हुआ था। उनका नाम बिजली के बल्ब के आविष्कारक थॉमस एडिसन के नाम पर रखा गया था। हालांकि, जब उनके जन्म का पंजीकरण हो रहा था तब क्लर्क ने "i" अक्षर को हटा दिया था, जिससे उसका नाम एडसन हो गया।
फीफा ने उन्हें 'द ग्रेटेस्ट' की उपाधि से नवाजा
पेले का असली नाम एडसन अरांतेस डो नेसिमेंटो था, लेकिन वह पेले के नाम से मशहूर हुए। उनका जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील के ट्रेस कोराकोएस में हुआ था। फीफा द्वारा उन्हें 'द ग्रेटेस्ट' का शीर्षक भी मिला। पेले ने तीन शादियां कीं। उनके कुल सात बच्चे हैं।
कोलन कैंसर से जूझ रहे थे पेले
82 वर्ष की आयु में पेले ने कोलन कैंसर के बाद अंतिम सांस ली। इसकी काफी समय से कीमोथेरेपी भी चल रही थी। पेले को 29 नवंबर को सांस लेने में तकलीफ होने पर साओ पोलो के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, उन्होंने कीमोथेरेपी का जवाब देना बंद कर दिया। पेले को पिछले साल सितंबर में उनके कोलन से ट्यूमर हटा दिया गया था और तब से वे नियमित रूप से अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
उनका उपनाम (निकनेम) पेले उस वक़्त पड़ा जब युवावस्था में वे अपने शहर में खेलने वाले गोलकीपर बिले के नाम का उच्चारण नहीं कर सके। युवा एडसन उस नाम को बोलते हुए हमेशा पेले कहते थे। शुरुआती दौर में उनके साथी उनके द्वारा किए गए इस ग़लत उच्चारण का मज़ाक उड़ाते थे और उन्हें पेले कहकर बुलाते थे। लेकिन, शायद ही किसी को यह पता था कि आने वाले समय में एडसन इसी नाम से दुनिया भर में अकूत शोहरत कमाएगा और यह उपनाम बेहद प्रतिष्ठित हो जाएगा।