September 22, 2024

सरपंच के सरहंगता के शिकार गांव का हर गरीब परिवार, हैण्ड पम्प में पशुओं का मल मूत्र फेंककर पानी को किया है प्रदूषित

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शिकायत करने पर करता है प्रताणित
रामपुर नैकिन जनपद पंचायत के रैदुअरिया कला ग्राम पंचायत का मामला।

सीधी
 शासन जनता को साफ स्वच्छ पानी मुहैया कराने के लिए गरीबों के मुहल्ले में चापाकल स्थापित करा रही है जिसे गांव के जनप्रतिनिधि पचा नहीं पा रहे हैं वो चापाकलो को नष्ट करने की सुनियोजित चाल चल रहे हैं कुछ इसी तरह का मामला रामपुर नैकिन जनपद पंचायत के रैदुअरिया कला ग्राम पंचायत का सामने आया है जिसमें सरपंच का परिवार हैण्ड पम्प को अपने अधिपत्य में करने की नियत से उसके चारों तरफ पशुओं को बांधकर आम निस्तार अवरुद्ध कर दिया है इस पर भी जब आम जनता पानी लेने जाना बंद नहीं किया तो सरपंच के पति व पुत्र मिलकर पशुओं के मल मूत्र कचरा हैण्ड में शोक पिट में भरकर पानी प्रदूषित और जहरीला बनाने लगे हैं इस बात की शिकायत पी एच ई चुरहट के एस डी ओ सहित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तहसीलदार एस डी एम से नरेन्द्र पाण्डेय सहित ग्रामीण जनों ने किया है लेकिन इस विकराल समस्या का समाधान अधिकारी नहीं कर रहे हैं। जिससे सरपंच के पति पुत्र के हौसले बुलंद हैं वो गांव के लोगों से मारपीट गाली गलौज करना शुरू कर दिए हैं । ग्रामीणों के अनुसार जहां हैण्ड पम्प स्थापित है वह पूरी तरह से सरकारी भूमि है

 तो हैण्ड पम्प तक जाने के लिए रिकार्ड में 30फिट का रास्ता भी दर्ज है लेकिन सरपंच शकुंतला पाण्डेय के निर्वाचित होते ही न केवल सड़क में पक्का मकान बनाकर कब्ज़ा कर लिया है बल्कि हैण्ड को अपने अपने आधीन करने की नियत से पहले सबमर्सिबल पंप डालकर कब्जा कर लिया था जिसका विरोध गांव वालों ने किया तो बड़े मुश्किल से मोटर तो निकाल दिया है लेकिन चारो तरफ पशुओं को बांधकर आवागवन रोंक दिया है। नरेन्द्र पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य नागरिक ने बताया की हैण्ड पम्प के पास शोकपिट का निर्माण सरपंच ने पंचायत मंद से कराया था उसी में कचरा डम्प कर  पानी खराब कर दिया है सरपंच पति राजेश पाण्डेय सरपंच पुत्र अजय पाण्डेय उनके जन विरोधी कृत्यों का विरोध करने वाले नागरिकों के साथ मारपीट करते हैं सरपंच की सरहंगता की शिकार महिलाओं को बच्चों को भी होना पड़ता है। पूरे परिवार ने मिलकर मारपीट कर मुंह बंद कराने की नाकाम कोशिश कर चुके है हां वे राजनैतिक संरक्षण का प्रयोग इस होने वाली कार्रवाई से बच जरूर जाते हैं तक हारकर ग्रामीणों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कर सरपंच के परिवार से जानमाल की रक्षा कराने की मांग करते हुए हैण्ड पम्प को मुक्त कराने की गुहार लगाई है।

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