राजधानी में 12 से 14 साल के 20 हजार बच्चों ने नहीं लगवाया कोवैक्सीन का सेकंड डोज
भोपाल
भोपाल जिले में 12 से 14 साल तक के बच्चों को कोरोनारोधी टीका लगाने का काम छह माह पहले शुरू हुआ था, स्कूलों में कैंप लगाए गए। भोपाल में इस उम्र वर्ग के 86 हजार बच्चे स्कूलों में अध्ययनरत हैं, जिन्हें टीका लगवाने का लक्ष्य रखा गया था। मगर अभी तक तकरीबन ऐसे 20 हजार बच्चें हैं, जिन्हें कोवैक्सीन का दूसरा डोज तक नहीं लगा। ऐसे में कोरोना को लेकर इन बच्चों की इम्युनिटी डेवलेप नहीं हो सकेगी। जबकि चिकिस्तकों ने कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन के दोनों डोज लगना बेहद जरूरी है। वहीं बड़ी मात्रा में बच्चों को काबीर्वैक्स वैक्सीन भी लगाई गई है, जो स्टॉक में नहीं है।
कोवैक्सीन खत्म होने की कगार पर
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए अचानक बूस्टर डोज लगवानों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आलम यह है कि आज 300 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है। ऐसे में कोवैक्सीन स्टॉक भी कम बचा है, जो जल्द ही खत्म होने की बात कही जा रही है।
रिकवरी रेट 98.70 फीसदी
मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना का कोई नया केस नहीं आया था। प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर शून्य है। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव केस 04 और रिकवरी रेट 98.70 प्रतिशत है।
कोरोना से फिलहाल राहत
कोरोना संक्रमण के बीच मध्यप्रदेश के लिए यह राहतभरी खबर है। प्रदेश में गुरुवार को कोरोना का एक भी मरीज पाजीटिव नहीं पाया है। 86 लोगों के सैंपलों की जांच हुई थी, सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शुक्रवार को प्रदेश में एक भी नया कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है। हालांकि प्रदेशभर में केवल 4 एक्टिव केस हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इनमें तीन केस भोपाल में और एक इंदौर का है। चारों एक्टिव संक्रमित डाक्टरों के निर्देश पर होम आइसोलेशन में ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।