नए साल में प्रदेश को मिलेंगे कोविशील्ड के 5 लाख डोज
भोपाल
कोरोना के नए वैरिएंट के संभावित खतरे से निपटने के लिए सरकार तैयारी में जुट गई है। पांच जनवरी तक प्रदेश में कोविशील्ड के पांच लाख डोज की खेप आ जाएगी। जबकि डिमांड 10 लाख डोज की बताई जा रही है। जिसमें से मात्र आधे डोज मिल रहे हैं। हांलाकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत के हिसाब से जिलोें के कोविशील्ड के डोज वितरित किए जाएंगे। दरअसल प्रदेशभर एक बड़ी आबादी ऐसी है, जिसने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है वहीं कई लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बूस्टर डोज लगवाने के लिए अभियान चलाया गया। जिसमें दो लाख लोगों को बूस्टर डोज लगवाने का लक्ष्य था, लेकिन मात्र 80 हजार लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया था। टीका उपलब्ध न होने से अक्तूबर माह से बूस्टर लगना बंद हो गया था। इसी कारण लोग बूस्टर डोज नही लगवा पाए है। वहीं अब वापस कोरोना के खतरे के कारण लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे है, लेकिन उन्हें निराश होकर लोटना पड़ रहा है।
कोवैक्सीन के सवा लाख डोज अभी स्टॉक में
कोरोना संक्रमण के नए खतरे की आहट के बीच बूस्टर डोज के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। राजधानी अभी तक सिर्फ 34 प्रतिशत लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है। इसके साथ ही कोविशील्ड की बूस्टर डोज की अनुपलब्धता भी लोगों के बीच अरुचि की प्रमुख वजह है। कोरोना से बचाव के लिए चमत्कारिक रूप से रिकॉर्ड समय में तैयार वैक्सीन का फर्स्ट और सेकेंड डोज लोगों ने खूब लगवाया। कई दिनों तक स्लॉट बुकिंग के बाद लोगों का नंबर आया करता था,लेकिन इन दोनों डोज के अलावा तीसरी डोज को बूस्टर नाम दिया गया था, उसे लगवाने में लोगों ने रुचि नही ली है। लेकिन अब कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन बीएफ-7 के आहट के बीच स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की सलाह दे रहा है। जबकि अधिकांश लोगों की डिमांड कोविशील्ड वैक्सीन की है, इसकी उपलब्धता नहीं है। अब जो लोग डोज लगवाने के लिए रोजाना अस्पताल में पहुंच रहे है, लेकिन वहां कोविशील्ड डोज नहीं मिलने से मायूस होकर वापस लौट रहे है।
हमीदिया में 100 बेड आरक्षित
इसी क्रम में हमीदिया अस्पताल में 100 बेड रखे गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक ट्रामा ब्लॉक को खाली करा लिया है यहां 45 बेड का आईसीयू और बेड पर आक्सीजन की सुविधा होगी। 20 बेड आईसोलेशन वार्ड होगा।