November 24, 2024

01/01/2023,रायपुर जिले में प्राकृतिक पेंट से हो रहा सरकारी भवनो का रंग रोगन

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रायपुर

नया घर हो या पर्व की तैयारी हम अपने घरो के रंग रोगन में पीछे नहीं रहते। बदलते परिवेश में केवल शहर नहीं बल्कि कस्बों और गांवों में भी अब लोग अपने घरों में पेंट और डिस्टेंपर लगवाना चाहते हैं। बाजार में उपलब्ध रासायनिक पेंट लोगों के जेब के साथ साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। इसी बात को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी शासकीय विभाग, निगम, मंडल एवं स्थानीय निकायों में भवनों के रंग रोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग अनिवार्यत: करने के निर्देश दिए है। उनके निर्देश का पालन करते हुए रायपुर नगर निगम ने भवनों की पुताई का कार्य आरम्भ कर दिया है।

नगर निगम रायपुर जोन 8 के जोन आयुक्त श्री अरुण बताते है की शासन के आदेशानुसार अपने निगम भवन की पुताई के लिए प्राकृतिक पेंट क्रय किया गया है। इस पेंट की कीमत बाजार में उपलब्ध रासायनिक पेंट से कम है। साथ ही गोबर से निर्मित होने के कारण रासायनिक पेंट की तुलना में इसमें महक भी नहीं की आती जिससे यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए अनुकूल है।

रायपुर के जरवार गौठान में गोवर्धन स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से प्राकृतिक पेंट बना रही हैं। यहां के गोबर से बने पेंट का उपयोग सबसे पहले रायपुर नगर निगम के भवन की पुताई के लिए किया गया था। नगर निगम की बिल्डिंग की आकर्षक पुताई के लिए 500 किलो पेंट का उपयोग किया गया। सरकारी भवनों के अलावा आम लोगों के बीच भी इस पेंट की मांग बढ़ रही है। रायपुर के अलावा अन्य जिलों में भी स्थानीय लोगों ने इस पेंट का उपयोग किया है वहीं राजधानी में भी बहुत से लोग इस पेंट से अपने घरों की पुताई कर चुके है।

जरवाय गौठान की स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती धनेश्वरी रात्रे बताती है की उनके समूह में 22 महिलाएं काम करती है। कुछ नया करने की सोच से उन्होंने गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू किया। गोबर से पेंट बनाने के लिए महिलाओं ने विधिवत प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। पेंट बनाने की शुरूआत अप्रैल 2022 से हुई और अब तक तीन हजार लीटर पेंट बनाकर समूह की महिलाएं बेच चुकी है। गोबर से निर्मित पेंट आधा लीटर, एक, चार, और दस लीटर के डिब्बों में उपलब्ध है।

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