किसान का बेटा कैसे बना देश में नौकरी के नाम पर सबसे बड़ी ठगी का सरगना? 5 राज्यों में 50 हजार से अधिक लोगों को
अलीगढ़
देश में नौकरी के नाम पर अभी तक की सबसे बड़ी ठगी का सरगना जफर अलीगढ़ के सिविल लाइंस इलाके में परिवार सहित रहता है। उसके पिता किसान हैं। जफर दो साल पहले घर से नौकरी लगने की बात कहकर गया था। जिसके बाद से वह शनिवार-रविवार को ही आता था। बताया जा रहा कि इन दो सालों में उसने कम से कम पांच राज्यों में 50 हजार से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 29 दिसंबर को अलीगढ़ में उसके घर से गिरफ्तार किया।
25 वर्षीय जफर अहमद पुत्र रज्जाक अहमद सिविल लाइंस इलाके के हमदर्द नगर-ए, गोल मार्केट का रहने वाला है। उसके परिवार में मां-पिता, भाई, पत्नी, बच्चा है। अलीगढ़ से उसने स्कूलिंग की और उसके बाद विवेकानंद कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। पेशे से सिविल इंजीनियर है। दो साल पहले वह नोएडा की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी करने अलीगढ़ से चला गया। उसके बाद ही उसने गिरोह बनाया और ओडिशा के अलावा, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के नौकरी चाहने वालों को निशाना बनाया। ओडिशा ईओडब्ल्यू के मुताबिक शुरुआती अनुमान के अनुसार देश भर में लगभग 50,000 पीड़ित हो सकते हैं। दो साल के भीतर वह अपराध से अर्जित पैसे से करोड़पति बन गया। आलीशान घर से लेकर अन्य सुख संसाधन जुटा लिए। उसके पिता पेशे से किसान हैं। बड़ा भाई ई-रिक्शा बेचने का काम करता है। परिवार मूलरूप से बुलंदशहर के नारायणपुर का रहने वाला है। पड़ोसी हैरान, परिवार बता रहा बेगुनाह जफर अहमद की गिरफ्तारी के लिए ओडिशा ईओडब्ल्यू टीम के साथ ही सिविल लाइंस पुलिस ने 29 दिसंबर को उसके घर पर दबिश दी। वह घर पर नहीं मिला। परिवार वालों ने बताया कि वह अपने भाई की ई-रिक्शा की दुकान पर गया है। टीम तत्काल वहां गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पड़ोसी हैरान रह गए। तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। इधर, परिवार वाले
शनिवार और रविवार को आता था अलीगढ़
परिवार वालों ने बताया कि जफर अहमद शनिवार व रविवार को अलीगढ़ आता था। सोमवार को वह नोएडा चला जाता था। इधर, ईओडब्ल्यू द्वारा जारी प्रेस नोट में खुलासा किया गया है कि मुख्य आरोपियों में शामिल जफर अहमद पेशे से इंजीनियर है। कोर ग्रुप, जिसमें इंजीनियर शामिल थे। यह सभी एक कॉल सेंटर के 50 कर्मचारियों द्वारा सहायता लेकर ठगी का गिरोह चला रहे थे। इन कर्मचारियों को प्रति माह 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाता था। इस कॉल सेंटर में अधिकांश युवा जमालपुर, अलीगढ़ के जुड़े हैं। इससे लोकल पुलिस व खुफिया तंत्र इन युवकों के विषय में जानकारी जुटाने में लग गया है। जानकारी मिली है कि शानिवार और रविवार को अलीगढ़ में रहने के दौरान जफर कॉल सेंटर में कार्य करने के लिए लड़के तैयार करता था।
मोबाइल मिस्त्री ने सैकड़ों लोगों को ठगा था
क्वार्सी थाना क्षेत्र के मौलाना आजाद नगर के यूसुफ उर्फ मोनू खान ने ओडिशा के स्थानीय समाचार पत्रों में उड़िया भाषा में नौकरी का विज्ञापन प्रकाशित कराकर वहां के सैकड़ों लोगों से आवेदन फीस के तौर पर तीन-तीन हजार रुपये जमा कराके करोड़ों रुपयों की ठगी की थी। युवक दिव्यांग था। पेश से मोबाइल मिस्त्री था। आईटीआई रोड पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता था। ओडिशा ईओडब्ल्यू ने एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी में पिछले दिनों स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया था।