लापरवाह अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई 3 निलंबित, 2 के वेतन काटे, 16 को नोटिस जारी, 4 बर्खास्त
भोपाल
लापरवाह अधिकारी कर्मचारी पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। इसी बीच सीहोर जिले में बड़ी कार्रवाई की गई है। कलेक्टर प्रवीण सिंह द्वारा सीएम हेल्पलाइन समाधान ऑनलाइन, जनसुनवाई की शिकायतों की समीक्षा की गई। इस दौरान अधिकारियों को शिकायत का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही सीएम हेल्पलाइन के प्रकरण का निराकरण नहीं करने पर कलेक्टर द्वारा जिला खेल अधिकारी अरविंद इलियास और जिला पेंशन अधिकारी टीना खलखो को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
वेतन काटने के निर्देश
इसके साथ ही सीडीपीओ को TL की बैठक में अनुपस्थित रहने और कार्य में लापरवाही बरतने पर 1 सप्ताह के वेतन काटने सहित मंडी सचिव का 1 दिन का वेतन काटने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कलेक्टर द्वारा जल जीवन मिशन के तहत PHEऔर जल जीवन निगम के कार्य की समीक्षा की गई। इस दौरान सभी योजनाओं का कार्य 15 अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लेटलतीफी करने वाले ठेकेदार के ठेके निरस्त करने के भी निर्देश दिए हैं।
उमरिया: केंद्र प्रभारी-सर्वेयर निलंबित
एक अन्य कार्रवाई उमरिया जिले में की गई है। उमरिया जिले में गढ़पुरी धान खरीदी केंद्र में भाजपा नेता से ₹4000 लेने वाली खरीदी केंद्र प्रभारी और सर्वेयर को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल भाजपा नेता सुंदर लाल यादव से धान खरीदी के बाद तुलाई और अन्य कार्यों के लिए पैसे लिए गए थे। जिस पर भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर कृष्ण देव त्रिपाठी द्वारा धान खरीदी केंद्र के प्रभारी हर्षित गुप्ता और सर्वे रमेश यादव को निलंबित कर दिया गया।
ग्वालियर : 14 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
एक अन्य बड़ी कार्रवाई ग्वालियर जिले में की गई है। जनमित्र केंद्र पर दलालों की सक्रियता और अनियमितता की शिकायत सामने आ रही थी। जिस पर आयुक्त लगातार एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। आयुक्त द्वारा जनमित्र केंद्र पर अलग-अलग अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया था। अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद 14 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया जबकि सहायक संपत्ति कर अधिकारी कर संग्रह को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा आउट सोर्स के 4 कर्मचारियों को नगर निगम की नौकरी से बाहर करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।