चुनाव से पहले फिर निकला हनी ट्रैप का जिन्न, गोविंद सिंह का दावा बीजेपी और संघ नेताओं के कई वीडियो और सीडी है कांग्रेस के पास
भोपाल.
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से हनी ट्रैप का जिन्न बाहर आ गया है. इस बार नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने दावा किया है कि कांग्रेस के पास बीजेपी नेताओं, मंत्री, विधायकों और आरएसएस कार्यकर्ताओं के तमाम अश्लील वीडियो और सीडी हैं. वो ये कहना भी नहीं भूले कि किसी भी व्यक्ति पर बेवजह आरोप लगाना कांग्रेस की संस्कृति नहीं है.
मसला कांग्रेस विधायक सुनील सराफ के बंदूक लहराते वीडियो वायरल होने का है. इस पर सरकार ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसी सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का जैसा चाल चरित्र है, वैसा कांग्रेस के नेताओं का नहीं है. BJP के कई नेता मंत्री और विधायकों की CD हमारे पास मौजूद है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक के भी कई ऐसे लोग हैं जिनकी CD हमारे पास है. लेकिन किसी भी व्यक्ति के ऊपर इस तरह के आरोप लगाना हमारी संस्कृति में नहीं है. सुनील सराफ़ के समर्थन में गोविंद सिंह ने कहा उन्होंने हर्ष फ़ायर किया है तो ये कोई आपत्तिजनक बात नहीं होती .सुनील सराफ़ ने कोई अपराध नहीं किया है. बीजेपी को हनीट्रैप में शामिल लोगों की जांच कराकर सजा दिलानी चाहिए.
दोहरा चरित्र जनता के सामने उजागर हो
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा हनी ट्रैप की सीडी हमारे पास रिकॉर्ड में भी रखी है. सीडी तो पहले ही सार्वजनिक हो गयी है. उसे सार्वजनिक करने जैसी हरकत कांग्रेस की संस्कृति में नहीं है. नाम उजागर कांग्रेस की तरफ से नही किए जाएंगे क्योंकि किसी पर व्यक्तिगत आरोप लगाना सही नहीं है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा सीडी बहुत ही अश्लील हैं. इसे जनता के सामने नहीं लाना चाहिए बल्कि लोगों के सामने दोहरे चरित्र वाले लोगों को सार्वजनिक करना चाहिए. जो भी मंत्री,अधिकारी और कर्मचारी हैं उनकी छवि को जनता के सामने उजागर करना चाहिए, ताकि इन जैसे लोगों का चाल, चरित्र और चेहरा जनता के सामने आ जाए.बीजेपी के ऐसे नेताओं की जांच हो और सभी को जेल भेजा जाए.
कांग्रेस के पास साक्ष्य है तो जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराए-बीजेपी
डॉ गोविंद सिंह के सीडी वाले बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. कहा कांग्रेस, ब्लैक मेलिंग की राजनीति बंद करे. हनी ट्रैप की पुलिस जांच कर रही है. ऐसे में वह अपने पास साक्ष्य होने की बात कर रहे हैं. काँग्रेस नेताओ के पास साक्ष्य हैं तो उन्हें जांच एजेंसियों को सौंपना चाहिए. ऐसा न करके कांग्रेस साक्ष्य छुपा रही है.