चीन में बढ़ते संक्रमण से, पूरी दुनिया को चिंता,अधूरे आंकड़ों ने सताया
बीजिंगT
चीन में बढ़ते कोरोनवायरस संक्रमण के मामलों ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। कोरोना मरीजों के गिरते ग्राफ के बाद भी भारत सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। अब सवाल है कि दूर देश में बढ़ते मामलों का दुनिया क्यों घबरा रही है। हालांकि, इसके कई कारण नजर आते हैं, जिनमें सही डेटा, कोरोनावायरस के नए वेरिएंट जैसी कई बातें शामिल हैं। विस्तार से समझते हैं…
कमजोर डेटा
बीजिंग ने स्वीकार कर लिया है कि कोरोना संक्रमण को ट्रैक करना 'असंभव' हो रहा है। इधर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने भी संक्रमण और मौत के दैनिक आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी चाइनीज सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के पास आ गई है।
7 दिसंबर को प्रतिबंधों में ढील देने के बाद चीन की तरफ से केवल 15 कोविड मौतों की जानकारी दी गई है। इसके चलते चीन में कोविडके आंकड़ों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अथॉरिटीज ने भी स्वीकार किया है कि अनिवार्य पीसीआर टेस्टिंग की तुलना में जुटाया गया डेटा कम है।
चीन में हालात इस कदर खराब हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, श्मशानों में मृत शरीर बड़े पैमाने पर पहुंच रहे हैं। देश के ग्रामीण इलाकों पर खास तौर से गहरा असर हुआ है।
थोड़ा-थोड़ा अनुमान
बीते महीने कुछ स्थानीय और क्षेत्रीय अथॉरिटीज ने दैनिक मामलों के अनुमान जारी करना शुरू किए। हालांकि, अभी तक संक्रमण के कुल मामलों की स्थिति साफ नहीं है। झेझियांग तटीय प्रांत के स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि बीते सप्ताह हर दिन 10 लाख रहवासी संक्रमित हुए हैं। कूझो और झूशान शहर का कहना है कि कम से कम 30 फीसदी आबादी कोरोना का शिकार हो चुकी है।
पूर्वी तटीय शहर किंगदाओं में हर रोज 5 लाख नए मामले सामने आए हैं। हैनन ने शुक्रवार को अनुमान लगाया है कि संक्रमण दर 50 फीसदी के पार चला गया है।
नए वेरिएंट्स
कई देश संभावित नए वेरिएंट्स की चिंताओं का हवाला देकर चीनी यात्रियों की कोविड की जांच की बात कह रहे हैं। हालांकि, अब तक इस बात का सबूत नहीं है कि ताजा लहर से नए स्ट्रेन्स सामने आए हैं। सीडीसी के शीर्ष अधिकारी वेनबू ने कहा था कि चीन अस्पताल की निगरानी से मिले कोविड सैंपल का नेशनल जैनेटिक डेटाबेस तैयार कर रहा है, जो म्यूटेशन को ट्रैक करने में मदद करेगा।
चीन के स्वास्थ्य जानकारों का कहना है कि हाल के दिनों में ओमिक्रॉन सब वेरिएंट्स BA.5.5 और BF.7 का बीजिंग में सबसे ज्यादा असर रहा। उनका कहना है कि शंघाई में ओमिक्रॉन भी सबसे ज्यादा मजबूत स्ट्रेन रहा। जबकि, कई पश्चिमी देशों में इन स्ट्रेन से ज्यादा असर XBB और BQ जैसे सब वेरिएंट्स का रहा। हालांकि, इनका प्रभाव चीन में खास नजर नहीं आया। खबर है कि GISAID डेटाबेस में बीजिंग ने 384 ओमिक्रॉन सैंपल जमा किए थे।