बीते एक साल में प्रदेश की राजधानी में 300 किलो गांजा पुलिस ने जब्त किया गया
भोपाल.
गांजा तस्करों के आगे भोपाल पुलिस नतमस्तक नजर आ रही है. बीते एक साल में पुलिस एक भी बड़े तस्कर तक नहीं पहुंच पाई. पेडलर की गिरफ्तारी तक पुलिस की कार्रवाई सीमित रही, जबकि ऐसे तस्करों पर क्राइम ब्रांच लेकर किए इंटेलिजेंस और एसटीएफ की नजर रहती है. बीते एक साल में पेडलर के पास लगभग 300 किलो गांजा जब्त किया गया, लेकिन एक भी तस्कर नहीं पकड़ा गया.
भोपाल क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में कुल 125 पेडलर पकड़े गए. इनके पास से 300 किलो गांजा बरामद किया गया. इसके अलावा चरस भी बरामद की गई. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में महिलाएं भी शामिल हैं. हैरत की बात है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ इन छोटी मछलियों तक ही सीमित रही जबकि बड़ी मछली यानि गांजा सप्लायर आज भी तस्करी कर रहे हैं. सिर्फ भोपाल ही नहीं मध्यप्रदेश के कई शहरों गांजे का नशा तेजी से युवाओं और अन्य लोगों की बीच बढ़ रहा है.
तस्करों की तार उड़ीसा और तेलंगाना से जुड़े
हर बार भोपाल पुलिस ने गांजा तस्करों को गिरफ्तार करने के बाद अपनी पीठ थपथपा दी है, लेकिन आज तक पुलिस उन बड़े सप्लायर तक नहीं पहुंच सकी है. जो गांजे की डिलीवरी भोपाल ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की करते हैं. पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इन सप्लायर्स का कनेक्शन उड़ीसा और तेलंगाना से है इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाती है. इससे पुलिस के प्रयासों में कमी सपष्ट नजर आ रही है.
नशा युवाओं के फैशन में हो रहा शामिल
भोपाल शहर में दूसरे शहरों से पढ़ने आने वाले युवाओं के लिए गांजे का नशा एक फैशन बनता जा रहा है. युवा इस भंयकर नशे की शिकार होते जा रहे हैं. शासन प्रशासन गांजे को लेकर सख्ती तो दिखाता है पर कभी गांजा तस्करों तक पहुंच नहीं पा रहा है. प्रदेश में गांजे का अवैध व्यापार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. इसके शिकार होते युवाओं की भविष्य खतरे की ओर बढ़ रहा है. पुलिस नशे के खिलाफ अभियान चला रही है लेकिन इसके व्यापार को रोकने में नाकाम नजर आ रही है.