विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक एक्टिव, किया ग्राउंड रियलिटी सर्वे
भोपाल
विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक एक्टिव है। प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा अपनी टीम के साथ मंत्रियों और विधायकों की जमीनी स्थिति जानने के लिए खुद मैदान में उतर रहे हैं। वहीं केंद्रीय नेतृत्व इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा की तैयारियों में जुटा है। इसके लिए केंद्रीय कैबिनेट और संगठन में बदलाव के साथ संघ से 3000 स्वयं सेवकों को बीजेपी में लाकर फील्ड में उतारने की तैयारी है।
प्रदेश भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी अब जिलों के दौरे कर यह जानेंगे कि उनकी पार्टी के मौजूदा विधायकों की क्षेत्र में सक्रियता और पब्लिक के बीच उनकी छवि कैसी है? इसके साथ ही बूथों के डिजिटलाइजेशन के साथ त्रिदेव की वर्किंग और शिवराज सरकार की योजनाओं को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच फीडबैक की रिपोर्ट भी इनके द्वारा ली जाएगी। अपने स्तर पर इन सब तथ्यों का सर्वे कर चुनावी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री अब जिलों के दौरे कर रहे हैं। पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के यह दौरे अप्रेल तक चलने वाले हैं।
पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी इसी कड़ी में प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों के दौरे के बाद जिला स्तर पर बैठकें करने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि इन सभी का फोकस आकांक्षी विधानसभा के रूप में चिन्हित उन 103 विधानसभा सीटों पर भी है जहां भाजपा को पिछले उपचुनाव और विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। आकांक्षी विधानसभा सीटों पर पार्टी कमबैक करने के लिए हर संभव काम करने की तैयारी में है। प्रदेश के शीर्ष पदाधिकारियों के दौरे के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंगलवार को प्रदेश उपाध्यक्षों, प्रदेश महामंत्रियों के साथ कामकाजी बैठक की और संगठनात्मक तैयारियों को लेकर निर्देश दिए। इन्हें संभागीय स्तर पर सौंपे गए प्रभार की रिपोर्ट भी ली गई है।
विधायकों पर खासतौर पर फोकस
इन संगठनात्मक दौरों में पार्टी खासतौर पर विधायकों के बारे में जानकारी जुटाएगी जिसमें विधायकों के निगेटिव और पाजिटिव फीडबैक के बारे में रिपोर्ट लेकर उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को भी भेजी जाएगी। पार्टी में जिला पदाधिकारियों और विधायकों तथा पूर्व विधायकों के बीच समन्वय की कमी की शिकायत कई बार संगठन को मिली है, इसलिए ये नेता प्रवास के दौरान जिला पदाधिकारियों को सभी के साथ समन्वय बनाने पर भी जोर देंगे।