रायपुर : गरीब परिवारों की बेटियों के लिए सहारा बनी नोनी सुरक्षा योजना
गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बेटियों के लिए नोनी सुरक्षा योजना बड़ा सहारा बन रही है। इससे परिवार की बेटियों के भविष्य को लेकर चिंता दूर हुई है। योजना के तहत गरीब परिवार की बेटियों को 18 वर्ष पूरा होने और 12वीं उत्तीर्ण होने पर एक लाख रूपए प्रदान किए जाते हैं। इसके लिए जीवन बीमा निगम एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के मध्य अनुबंध किया गया है। नोनी सुरक्षा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों की पंजीकृत बालिका के नाम पर भारतीय जीवन बीमा निगम में 05 वर्ष तक प्रति वर्ष 5 हजार रूपये अर्थात कुल 25 हजार रूपये जमा किए जाते हैं। योजना के तहत अब तक 76 हजार 477 बच्चियों का पंजीयन किया गया है। वर्ष 2021-22 में 11 हजार 765 बेटियों को योजना का लाभ दिया गया है।
जनगणना वर्ष 2001 के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बाल लिंगानुपात प्रति हजार 975 था जो कि जनगणना वर्ष 2011 में घटकर एक हजार के अनुपात में 969 हो गया। इस प्रकार राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए 01 अप्रैल 2014 से ’’नोनी सुरक्षा योजना’’ लागू की गई। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में बालिकाओं की शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना, बालिकाओं के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखना, बालिका भ्रूण हत्या रोकना और बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच लाना और बाल विवाह की रोकथाम करना है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की 01 अप्रैल 2014 के बाद जन्मी अधिकतम दो बालिकाओं को योजना के तहत लाभ मिलता है। योजना के शुरू होने से शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों के साथ दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में बसे परिवारों में भी बेटियों के भविष्य की चिंता दूर हुई है। योजना का लाभ लेने के लिए जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी और विकासखण्ड स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।
महिला एवं बाल विकास विभाग सूरजपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वहां अभी तक 4193 बच्चियों को चिन्हंाकित कर ऑनलाईन एंट्री कर दी गई है। इनमें से 1032 बच्चियों को एलआईसी के द्वारा जारी बॉण्ड प्रदान किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार की पहल नोनी सुरक्षा योजना लागू किये जाने से लड़कियों के उज्जवल भविष्य की राह आसान हो गयी है और बाल विवाह और कन्या भ्रूण हत्या की घटनाओं में कमी आ रही है।