मदरसे में पढ़ाने वाले मुकरी ऐसे बने ‘नत्थूलाल’, अमिताभ-दिलीप भी नहीं तोड़ पाए इनका यह रिकॉर्ड
मूंछें हों तो नत्थूलाल जी जैसी, वर्ना न हों….फिल्म शराबी में अमिताभ बच्चन का यह डायलॉग तो आपको याद ही होगा। नत्थूलाल का असली नाम मुकरी है। मुकरी वह महान शख्सियत थे जिनके कंधों पर दर्शकों को हंसाने और गुदगुदाने का रिकॉर्ड था। उन्होंने अपने इस काम को बखूबी निभाया या कहें कि ऐसा निभाया कि वह छा जाते थे। 5 जनवरी 1922 को रायगढ़ महाराष्ट्र के एक कोंकणी मुस्लिम परिवार में जन्मे मुकरी का पूरा नाम मोहम्मद उमर मुकरी था। उनको एक्टिंग का जुनून था और उनमें हास्य कला का कौशल भी था। उसी के दम पर साल 1945 में दिलीप कुमार की फिल्म प्रतिमा में उन्हें काम करने का पहली बार मौका मिला। बता दें कि दिलीप कुमार और मुकरी एक ही स्कूल में पढ़ते थे। फिल्मों में आने से पहले मुकरी एक पेशेवर काजी थे और दिलीप कुमार उन्हें सिनेमा में ले आए। अपनी पहली ही फिल्म से मुकरी ऐसे छाए कि हर निमार्ता के दिलो-दिमाग पर उनका नाम था। मुकरी ने शराबी, नसीब, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, महान, कुली, अमर अकबर एन्थनी में मुकरी ने जो काम किया उसने उनको अमर कर दिया है। वह अमिताभ बच्चन के भी पसंदीदा सह कलाकार रहे हैं। दोनों ने एकसाथ 10 फिल्मों में काम किया। कहा तो यह भी जाता है कि अमिताभ बच्चन ने मुकरी से लोगों को हंसाने के गुर सीखे थे। मुकरी के नाम सिनेमा के 50 वर्षों में मुकरी ने करीब 600 फिल्मों में अपनी अदाकारी के जौहर दिखाए। मुकरी कुछ ऐसी फिल्में भी दे गए जिनमें से अगर उनके रोल को निकाल दिया जाय तो पूरी फिल्म लड़खड़ाने लगेगी। बिल्कुल वैसे ही जैसे अगर ‘अमर, अकबर, एन्थनी’ की कहानी से तैय्यब अली को निकाल दिया जाय तो क्या बचा रह जाएगा।