आरक्षण पर कोहराम, असमंजस में महामहिम : रिजवी
रायपुर
मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह कर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की गुहार लगाते हुए कहा है कि आरक्षण का मसला बहुत ही संवेदनशील है तथा आरक्षित वर्ग की स्थिति एवं आनेवाली उनकी पीढ़ी के भविष्य को स्थायित्व प्रदान करने का उचित समय भी है। महामहिम के सामने कुछ तो मजबूरियाँ है जिसके कारण उनकी छबि धूमिल होने के कगार तक पहुंच गई हैं। महामहिम सुश्री अनुसुईया उईके को चाहिए कि वह अपने राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पद की गरिमा को देखते हुए शीघ्र ही आरक्षण मसले पर सकारात्मक निर्णय लेकर विभिन्न वर्गों के आरक्षण पर विधानसभा में पारित आरक्षण विधेयक को मंजूरी देकर प्रदेश के आरक्षित वर्गों को आश्वस्त करने तत्काल कदम उठाते हुए अनुमोदित करने की हिम्मत जुटाऐं तथा आरक्षण मुद्दे पर सकारात्मक रूख अपनाते हुए अपने अनुमोदन की मोहर लगाकर राजभवन में अकारण लंबित इस बिल पर हस्ताक्षर कर शासन को प्रेषित करें ताकि उसके लागू होने में हो रहे विलम्ब के लिए आरक्षित वर्ग में मच रहे कोहराम पर विराम लग सके।
रिजवी ने महामहिम से पूछा है कि आप विधानसभा में पारित बिल में यदि आरक्षण के विभिन्न वर्गों के प्रतिशत में कुछ बढ़ाना चाहती या कम करने की मंशा रखती हैं तो अपनी सलाह एवं टीप के साथ वापस राज्य सरकार को भेज दें ताकि इस आरक्षण मसले को अंजाम तक पहुंचने में हो रहे विलम्ब पर विराम लग सके। महामहिम अपने पद की गरिमानुकूल शीघ्र निर्णय लेकर इस आरक्षण पर अपनी सहमति प्रदान करने में देर न लगाए और बिना झिझक हस्ताक्षर करें। वैसे भी राज्यपाल का पद दलगत राजनीति से ऊपर होता है।