किसी भी एयर डिफेंस को चकमा देने में सक्षम जिरकॉन मिसाइल,पुतिन ने समुद्रों में तैनात की, जानिए क्या है कारण
मॉस्को
यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नेजिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस देश के नए लड़ाकू जहाज को अटलांटिक महासागर में भेजा है। इस मिसाइल को लड़ाकू जहाज एडमिरल गोरशको पर रखा गया है, जो समुद्र की गश्ती करेगा। यह पश्चिम देशों के लिए एक संकेत है। इससे स्पष्ट है कि रूस युद्ध से पीछे हटने वाला नहीं है।
देश का दावा है कि जिरकॉन मिसाइल किसी भी एयर डिफेंस को चकमा दे सकती है। यह मिसाइल 7,000 मिल (11,265 किलोमीटर) प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। इसके अलावा, यह हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल 1,000 किलोमीटर की दूरी तक भी मार कर सकती है।
जगह और जमीन दोनों जगहों पर हो सकता है मिसाइल का इस्तेमाल
हाल के वर्षों में जिरकॉन के कई परीक्षण किए गए हैं। विभिन्न अभ्यासों के बाद सेना ने इसको ग्रीन सिग्नल दे दिया है। जिसके बाद आधिकारिक तौर पर जिरकॉन ने सेवा में प्रवेश किया है। इसका उद्देश्य रूसी क्रूजर, लड़ाकू जहाज और पनडुब्बियों को हथियार से मजबूत बनाना है। जिरकॉन का इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ जहाज और जमीन दोनों ही जगहों पर किया जा सकता है। यह मिसाइल ध्वनि की 9 गुना रफ्तार से दुश्मनों पर हमला बोलने में सक्षम है। इसके अलावा, यह रूस द्वारा विकसित कई हाइपरसोनिक मिसाइलों में से एक है।
अमेरिका ने रूस को दिया जवाब
बता दें कि रूस का यह मिसाइल ऐसे समय में सामने आया है, जब अमेरिका एक ऐसी क्षमता वाला हथियार बनाने पर काम कर रहा है, जो दुनिया में कहीं व किसी भी लक्ष्य को भेद सकते हैं। वहीं, पुतिन ने कहा है कि इस मिसाइल का कोई भी प्रतिद्वंदी नहीं है। इसका अमेरिका ने खंडन किया है।
इस पर पेंटागन ने कहा कि वह इस जहाज की निगरानी कर रहा है, लेकिन यह नहीं लगता कि इससे कोई बड़ा खतरा है या इसका मुकाबला नहीं किया जा सकता। उनके पास हर समय किसी भी हमले से निपटने का पर्याप्त क्षमता है। उसने कहा कि वह नियमित रूप से रूसी जहाज एडमिरल गोरशकों पर निगरानी रखेगा।
वहीं, कुछ सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ एक एक लड़ाकू जहाज अमेरिका और उसके सहयोगियों का मुकाबला नहीं कर सकता है। लेकिन अन्य लोगों ने कहा कि अमेरिकी तटों के करीब जहाज की संभावित तैनाती यूक्रेनी युद्ध में पुतिन की रणनीति का हिस्सा हो सकती है।