कंझावला केस में छठी गिरफ्तारी, अंजलि को 12 KM घसीटने वाली कार का मालिक गिरफ्तार
कंझावला
दिल्ली के कंझावला में 20 वर्षीय अंजलि की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने छठे आरोपी आशुतोष को भी गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि जिस बलेनो कार से टक्कर मारने के बाद महिला को 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था वह कार आशुतोष की ही थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा गुरुवार को बताया था कि इस मामले में दो अन्य दो आरोपियों की भूमिका भी सामने आई है। उनके नाम आशुतोष और अंकुश खन्ना हैं। हम उनकी तलाश कर रहे हैं। ये दोनों हिरासत में लिए गए पांच लोगों के दोस्त हैं। उन्होंने 5 आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी।
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को कहा था कि वह उन दो लोगों आशुतोष और अंकुश की तलाश में जुटी है, जिन पर कंझावला हादसे के आरोपियों को बचाने की कोशिश करने का शक है। उन्होंने बताया कि अंकुश, अमित का भाई है। अधिकारी ने बताया था कि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है और उसने अंकुश को दुर्घटना के बारे में सूचित किया तो उसके भाई ने दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए राजी किया था कि वह दुर्घटना के दिन गाड़ी चला रहा था। दीपक ग्रामीण सेवा चलाता है। उन्होंने कहा कि आशुतोष और अंकुश कार में नहीं थे। आशुतोष ने यह दावा करके पुलिस को गुमराह किया था कि दीपक कार लेकर गया था, जबकि अमित कार लेकर गया था। पुलिस ने कहा कि दीपक, अमित और अंकुश का रिश्ते का भाई है।
गौरतलब है कि, नए साल की देर रात को बलेनो कार सवार युवकों ने 20 वर्षीय एक युवती की स्कूटी को टक्कर मार दी थी। इसके बाद वह कार के नीचे फंस गई और कार सवार उसे करीब 12 किलोमीटर तक घसीटते ले गए थे। बाद में वह युवती कंझावला में एक सड़क पर वह निर्वस्त्र अवस्था में मृत पाई गई थी। युवती अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाली थी।
दिल्ली पुलिस ने पहले इस मामले में कार में सवार पांच लोगों पर गिरफ्तार किया था। सुल्तानपुरी पुलिस थाने ने दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल के खिलाफ आपराधिक साजिश, गैर इरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने से मौत सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। प्रथम दृष्टया यह आशंका जताई जा रही है कि घटना के समय आरोपी नशे में थे।
दिल्ली की एक अदालत ने कंझावला कांड में गिरफ्तार 5 आरोपियों को गुरुवार को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सान्या दलाल ने दिल्ली पुलिस को पूछताछ के लिए आरोपियों को और चार दिनों तक हिरासत में रखने की अनुमति दे दी। हालांकि, पुलिस ने पांच दिनों की हिरासत मांगी थी। कोर्ट ने कहा कि 4 दिन के लिए पुलिस हिरासत की मंजूरी दी जाती है।