राजधानी में सीवेज की सफाई अब रोबोट के हाथो, कर्मचारियों को मिलेगी राहत
भोपाल
राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में जबलपुर देवास और रतलाम जैसे शहरों में जल्द ही रोबोट सीवेज लाइन की सफाई करते दिखाई देंगे। अब सीवेज लाइन को साफ करने के लिए सफाई कर्मियों को जान जोखिम में डालकर इसमें उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केरल की जेनरोबोटिक इनोवेशन कंपनी का रोबोट "बैंडीकूट" इन शहरों में काम करना शुरू करेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बड़े शहर इस रोबोट को खरीदने की तैयारियां कर रहे हैं। गुरुवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे भवन में आयोजित जल सम्मेलन में पहुंचे। विभिन्न राज्यों के जन मंत्रियों के सामने रोबोट का प्रेजेंटेशन दिया गया। पहले ही इस तरह के रोबोट का प्रयोग कर इंदौर स्वच्छता रैंकिंग में पहले ही नंबर वन बन चुका है।
पाइपलाइन के भीतर जाकर जमी कीचड़ को धकेलने में सक्षम
जेनरोबोटिक्स कंपनी के डायरेक्टर अरुण ने जानकारी देते बताएं कि यूरो बडा करने छोटा सा है। ये रोबोट किसी भी पाइपलाइन के भीतर जाकर वहां जमी कीचड़ और अन्य पदार्थों को धकेलने में सक्षम है यही नहीं इसकी गति के जरिए उसे बाहर भी निकाला जा सकता है। इस रोबोट की मदद से सिविल लाइन की मरम्मत व पाइप में आने वाली दिक्कतों का भी पता लगाया जा सकता है।
मैनेजर जेनरोबोटिक ने बताया कि इस रोबोट के माध्यम से सीवेज की सफाई के लिए भोपाल जबलपुर रतलाम और देवास जिले के नगर निगम से रोबोट की मांग की गई है देवास को एक जबलपुर को दो और रतलाम को एक और भोपाल को 4 से 5 रोबोट दिए जाएंगे।
नाइट विजन के लिए कैमरा भी
इस रोबोट को ऑपरेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक पैनल बनाया गया है। जिस पर एक स्क्रीन लगी है, जो हिस्सा मेन होल के अंदर जाता है, उस पर नाइट विजन कैमरा लगा है। इससे मेन हॉल के अंदर की पूरी तस्वीर स्क्रीन पर दिखाई देती है।
सेंसर बता देगा अंदर जानलेवा गैस है या नहीं
बैंडीकूट रोबोट पर ऐसा सेंसर लगा है जो मेन हॉल के अंदर मिथेन, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, अमीनो के साथ-साथ धुआं होने के बारे में बता देगा। इससे सीवेज के सफाई कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी। कई बार सीवेज में जहरीली गैस होने के कारण कई सफाई कर्मी सफाई करते समय अपनी जान गवा चुके हैं।
जानिए इस रोबोट की खासियत
बैंडीकूट रोबोट सीवर मेनहोल के हर क्षेत्र तक पहुंचता है। सीवेज पाइप के कोने-कोने के अलावा हर क्षेत्र से 100% क्लीनिंग करता है। रोबोट की कीमत करीब ₹35 लाख बताई जा रही है।
मल्टीफंक्शनल रोबोटिक भुजाओं वाला रोबोट करता है सर्जिकल क्लिनिक। यह चारों पैरों युक्त रोबोट अपनी 100% क्षमता के साथ काम करता है। इसमें रात में देखने के लिए 13 इंच का डिस्प्ले लगाया गया हैं। मेनहोल के अंदर जाने के बाद हर 2 मिनट में कचरा बाहर निकाल देता है। 10 मीटर अंदर जाकर कर सकता है सफाई।
शुरुआत इंदौर से हुई
बैंडीकूट रोबोट वर्तमान में 15 राज्यों में काम कर रहा है इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश व असम जिसे राज्य शामिल है। इंदौर देश का पहला शहर है यहां सबसे पहले मुंसिपल कॉरपोरेशन ने सीबीज क्लीनिंग के लिए रोबोटिक तकनीक का प्रयोग किया। इसी बात का फायदा इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण में मिला। इंदौर लगातार इस सर्वेक्षण में नंबर वन बना हुआ है। इसी को देखते हुए अब एमपी के भोपाल, जबलपुर और देवास, रतलाम जैसे शहरों में भी बैंडीकूट रोबट सीवेज बीच की सफाई करेगा।