November 26, 2024

फ्रॉड पर शिकंजा : 60 करोड़ बैंक खातों की एक साथ निगरानी करेंगे RBI के 6 ब्रह्मास्त्र

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 कानपुर 
बैंक फ्रॉड पर शिकंजा कसने को अब तक की सबसे बड़ी पहल होने जा रही है। रिजर्व बैंक ने छह नए तकनीकी उपाय तैयार किए हैं जो बैंक फ्रॉड रोकने के ब्रह्मास्त्र माने जा रहे हैं। रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि इनसे बैंक फ्रॉड पर पूरी तरह लगाम लग जाएगी। अब तक जालसाजी से बैंकों को करीब 100 करोड़ रुपये रोज का चूना लगाया जा रहा है। इसे रोकने को अब तक के सबसे हाईटेक सिस्टम्स के जरिए एक साथ 60 करोड़ खातों की निगरानी की जा सकेगी। जांच की शुरुआत एक फरवरी से हो जाएगी।
 
आरटी 360 रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम
लोन खातों की 24 घंटे निगरानी करेगा। इससे कितने खाते लिंक हैं, किन खातों को पैसा ट्रांसफर हुआ? किन फर्मों संग लेन-देन हो रहा है। यह नियमित है या अचानक। भारी लेन-देन या ट्रांसफर तो नहीं है? इसकी ऑटोमैटिक ट्रैकिंग करेगा।
फायदा: फर्जी फर्मों, फर्जी ई-वे बिल या रसीदों से होने वाले फ्रॉड की सूचना पहले मिल जाएगी। नीरव मोदी से विक्रम कोठारी तक ने इसी तरह जालसाजी की।

क्रेडीवॉच ईडब्ल्यूएस सॉल्यूशन
क्रेडिट निगरानी, धोखाधड़ी की पहचान के साथ यह रेड अलर्ट जारी कर देगा। फ्रॉड होने से पहले ही बैंक के शीर्ष स्तर तक चेतावनी पहुंच जाएगी। बिजनेस लोन खाते में गड़बड़ी होने पर खाते के व्यक्तिगत डेटा सोर्स को खुद ही कवर कर जांच कर लेगा। खाते की कारोबारी सेहत जांचेगा। बैंक को बता देगा कि लोन डूबने वाला है।
फायदा: अभी किस्त अनियमित होने पर थोड़ा पैसा डालकर एनपीए बचाने का खेल चलता है जिसकी टिप्स बैंक से ही लीक होती है। इस पर लगाम लगेगी।

ट्राइडेंट एफआरएम
यह जोखिम आधारित सॉल्यूशन टेस्ट में सफल रहा। ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से होने वाले फ्रॉड पर अंकुश लगाएगा। छोटी रकम के लेन-देन के लिए बैंकिंग आसान बनाएगा। ओटीपी के बिना ही ग्राहक लेन-देन कर सकेंगे।
फायदा: कोविड काल में ओटीपी प्रॉड की शिकायतें एक लाख से ज्यादा थीं। सामान्य ग्राहक इसके शिकार बने। इस टूल से उनकी कमाई को बचाया जा सकेगा।

कार्ड-नॉट-प्रेजेंट टूल
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस एंटी मनी लांड्रिंग सिस्टम का टूल। इससे किसी ग्राहक के बैंक या किसी वित्तीय संस्थान चालू-बंद हर खाते के लेन-देन का डेटा मिल जाएगा। इसके आधार पर ग्राहक की हैसियत और वित्तीय कैरेक्टर की रिपोर्ट बनेगी। इससे बैंकों के बीच 'फाइनेंशियल गैप' खत्म हो जाएगा। ग्राहक से सूचना मांगने की जरूरत खत्म होगी।
फायदा: बैंक आपस में कनेक्ट हैं पर सभी वित्तीय संस्थान नहीं। अब वित्तीय संस्थानों से लेन-देन की जानकारी भी एक क्लिक पर मिलेगी। 

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