November 27, 2024

सतलज नदी को प्रदूषित होने से बचने ठोस काम करने की जरुरत:मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत

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भोपाल

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का कहना है कि सतलज नदी में प्रदूषण के लिए अकेले पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं है। लुधियाना में जिस तरह इस नदी को प्रदूषित किया जा रहा है उस पर ठोस काम करने की जरुरत है।

राजधानी में आयोजित दो दिवसीय वाटरविजन 2047 के समापन के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए  उन्होंने कहा  कि पंजाब के मंत्री का कहना था कि सतलज नदी जो भारत के पंजाब से पाक जाकर वापस आती है वह प्रदूषित होकर आती है लेकिन मै जिम्मेदारी से ऐसा कहता हूं कि सतलज नदी में जो पानी का प्रदूषण वह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को इफेक्ट करता है। लेकिन यह प्रदूषण पाकिस्तान केवल के कारण नही है। लुधियाना में जिस तरह से बुद्धाढाना से जो पानी सतलज में आता है, सिटी का अनट्रीटेड सीवेज, डेयरी का अनट्रीटेड प्रदूषित पानी उसमें मिलाया जा रहा है। लुधियाना के डाई एंड केमिकल इंडस्ट्री का पानी उसमें मिलाया जाता है। इलेक्ट्रोप्लेटिंग इंडस्ट्री का पानी उसमें  छोड़ा जाता है। ये सभी सतलज के प्रदूषण का बड़ा कारण है। भारत सरकार ने पंजाब सरकार को नदियों के प्रदूषण को समाप्त करने के लिए योजना पर काम करने के लिए 750 करोड़ रुपए दिए है। लेकिन उस काम जो गति होना चाहिए वह नहीं है उससे कम है। पंजाब को उस पर फोकस करने और उसको गति प्रदान करने की जरुरत है। जलसंरचनाओं पर अतिक्रमण को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की व्यवस्था के अनुरुप अनुसार जल राज्यसूची का विषय है। जल  के  संसाधनों की देखभाल, उनका उपयोग और उनके परिचालन व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य की है। इसलिए राज्य सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए। इसके लिए इस तरह की कार्यशालाओं की आवश्यकता है।

इसके पहले उन्होंने जल सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 के विकसित भारत बनाने का लक्ष्य पूरा करने की जरुरत है इसमें पानी की उपलब्धता  सामान्य बनाए रखना चुनौती भी है और एक प्रमुख घटक भी है।

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