September 25, 2024

कंझावला केस की मुख्य गवाह निधि पर ड्रग तस्करी का आरोप, ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर 25 पुलिसकर्मियों को जिला लाइन भेजा गया

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नईदिल्ली

दिल्ली के कंझावला केस की मुख्य गवाह निधि को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यूपी के आगरा में जीआरपी ने 2 साल पहले यानी 2020 में निधि को ड्रग तस्करी के केस में अरेस्ट किया था. उसके साथ दो अन्य लड़के भी गिरफ्तार किए गए थे. निधि एक महीने तक जेल में रही थी. बाद में जमानत पर बाहर आ गई थी. उसे जिला और सत्र न्यायालय के अपर जिला जज की कोर्ट से जमानत मिली थी.

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, निधि ड्रग तस्करी के लिए दिल्ली से तेलंगाना के सिकंदराबाद गई थी. वहां से अपने दो साथियों समीर और रवि के साथ ट्रेन से आगरा आई. घटना 6  दिसंबर 2020 की है. निधि आगरा कैंट स्टेशन पर समीर और रवि के साथ प्लेटफार्म नंबर 2/3 पर ट्रेन से उतरी थी. सुबह 10.55 बजे आरपीएफ और आगरा कैंट GRP की टीम स्टेशन पर चेकिंग कर रही थी.

इसी बीच, पुलिस टीम की नजर निधि, रवि और समीर पर पड़ी तो तीनों भागने लगे. इसके बाद पुलिस को संदेह हुआ तो तीनों का पीछा कर पकड़ लिया. पुलिस ने तीनों की तलाशी ली तो उनके कब्जे से 10-10 किलो गांजा बरामद हुआ.

 25 पुलिसकर्मियों को जिला लाइन भेजा गया
रोहिणी जिले में तैनात विभिन्न रैंकों के करीब 25 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सजा के तौर पर डिस्ट्रिक्ट लाइन भेजा गया है। एक पुलिस सूत्र ने आईएएनएस से पुष्टि की है कि हाल ही में 25 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी और उन्हें जिला लाइन भेजा गया था।

सूत्र ने कहा कि करीब 12 और पुलिस कर्मियों की पहचान की गई है जिनके खिलाफ आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी।

सूत्र ने कहा, नए साल की पूर्व संध्या पर ड्यूटी पर तैनात 12 और पुलिसकर्मियों को आने वाले दिनों में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 25 पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, जिन्हें डीसीपी ने जिला लाइन भेजा था।

गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया था। समिति इस संबंध में एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी।

गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने इस मामले में विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति का गठन किया था। समिति इस संबंध में एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेगी।

सिंह 2 जनवरी और 3 जनवरी की दरमियानी रात 12 बजे डीसीपी ईओडब्ल्यू जितेंद्र कुमार मीणा और उनके कर्मचारियों के साथ अपराध स्थल पर पहुंचे। उन्होंने12 किलोमीटर की जांच कर वहां चक्कर लगाया, जहां महिला को कथित तौर पर कार सवारों ने घसीटा था।

पुलिस सूत्र ने कहा कि जांच के दौरान, सिंह ने इस घटना में लगभग 12 पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की पहचान की, जिन पर कार्रवाई की जाएगी।

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