Gautam Adani Interview: पत्नी के साथ पत्ते भी खेलते हैं गौतम अडानी, बताया कौन जीतता है
नई दिल्ली
Gautam Adani भारत के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी ने अपने पारिवारिक जीवन को लेकर भी कई राज उजागर किए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों और राहुल गांधी द्वारा लगातार किए गए हमले पर भी खुलकर बोला है। अडानी से जब उनके पारिवारिक जीवन के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ ऐसी बातें बताईं जो शायद ही आम लोगों को पता हो। कार्यक्रम के दौरान गौतम अडानी से एक शख्स ने पूछा- आप इतने बड़े कारोबारी हैं। आप काफी व्यस्त रहते हैं। ऐसे में आप अपने परिवार के लिए कैसे समय निकालते हैं? आप खुदको रिलैक्स करने के लिए क्या करते हैं।
इन सवालों का जवाब देते हुए गौतम अडानी ने कहा कि मैं हफ्ते में तीन दिन अहमदाबाद से बाहर रहता हूं। जब मैं चार दिन शहर में होता हूं तो ऑफिस में थोड़ा लेट जाता हूं। 11 बजे के करीब ऑफिस जाता हूं, क्योंकि मुझे देर रात तक काम करने की आदत है। मैं सुबह में 6-6:30 बजे उठने के बाद डाइनिंग हॉल में अपने परिवार के साथ समय बिताता हूं। अपनी पोती के साथ बात करता हूं। मैं लंच के समय भी कोशिश करता हूं कि परिवार के साथ ही समय बीते।
गौतम अडानी ने आगे एक और खुलासा करते हुए कहा कि रात को जब वह घर जाते हैं तो अपनी पत्नी के साथ रमी खेलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर वह हार जाते हैं। आपको यह भी बता दें कि गौतम अडानी रिलांयस ग्रुप के संस्थापक धीरू भाई अंबानी को अपना रोल मॉडल मानते हैं। इंटरव्यू में राहुल गांधी को लेकर पूछे गए सवाल पर गौतम अडानी ने कहा, ''राहुलजी की बार-बार बात करके वापस आप मेरा राहुलजी से झगड़ा करवा देंगे और वे कल एक और बयान दे देंगे। राहुल जी एक सम्माननीय नेता हैं। उनको भी पॉलिटिकल पार्टी चलानी है। उनकी विचारधारा की लड़ाई होती है। उसमें आरोप-प्रत्यारोप होता है। मैं तो एक सामान्य उद्योगपति हूं। मैं मेरा काम करता हूं। वो पॉलिटिक्स अपने हिसाब से करते हैं।''
पीएम मोदी पर क्या बोले अडानी?
वहीं, पीएम मोदी को लेकर अडानी ने कहा कि मुझे अपने जीवन में तीन बड़े ब्रेक मिले। पहला, 1985 में राजीव गांधी के शासन के दौरान, जब एक्ज़िम नीति ने हमारी कंपनी को एक वैश्विक व्यापारिक घराना बनने की अनुमति दी। दूसरा 1991 में जब पी.वी. नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था को खोला और हमने सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में प्रवेश किया। उन्होंने आगे बताया कि तीसरा गुजरात में नरेंद्र मोदी के 12 साल के लंबे शासन के दौरान ब्रेक मिला। मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि यह एक बहुत अच्छा अनुभव था। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि मोदी जी से आपको कभी कोई निजी मदद नहीं मिल सकती है। आप उनसे राष्ट्रहित की नीतियों के बारे में बात कर सकते हैं, लेकिन जब कोई नीति बनाई जाती है, तो वह सभी के लिए होती है, केवल अडानी समूह के लिए नहीं।