November 27, 2024

अमेरिका से ब्राजील तक… जब लोकतंत्र को कुचला गया, ट्रंप स्टाइल में बोल्सेनारो ने की संसद पर कब्जे की कोशिश!

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 ब्राजील
 6 जनवरी 2021 का दिन अमेरिकी लोकतंत्र के लिए काला दिन बन गया है, क्योंकि उस दिन डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद कैपिटल हिल पर कब्जा करने की कोशिश की थी। डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगे, कि उन्होंने अपने समर्थकों को उकसाने की कोशिश की है और उनके भड़काने के बाद ही कैपिटल हिल पर हमला किया गया था और उस घटना के दो सालों के बाद ब्राजील में भी कुछ ऐसा ही किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सेनारो के समर्थकों ने एक ही बार में देश के तमाम संस्थानों पर कब्जा करने की कोशिश की है।

 
संसद-सुप्रीम कोर्ट पर हमला
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो के समर्थकों ने अपनी चुनावी हार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और अपने वामपंथी प्रतिद्वंद्वी, राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा के शपथ लेने के लिए ठीक एक हफ्ते के बाद रविवार को राजधानी ब्रासीलिया में देश की संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर हमला बोल दिया। मकसद साफ था, देश के तमाम उच्च संस्थानों पर कब्जा करना और चुनी हुई सरकार को भंग कर देना। जैर बोल्सेनारो के हजारों समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड्स को तोड़ दिया, वो देश की संसद की छतों पर चढ़ गए, सुप्रीम कोर्ट की खिड़कियों को तोड़ दिया और तीनों इमारतों पर धावा बोल दिया, जो काफी सुरक्षित मानी जाती हैं और राजधानी ब्रासीलिया के विशाल थ्री पॉवर्स स्क्वायर का निर्माण करती हैं।

 
प्रदर्शनकारियों की मांगे
कुछ प्रदर्शनकारियों की मांग थी, कि राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को पद से हटाया जाए, कुछ लोग जैर बोल्सेनारो को फिर से राष्ट्रपति बनाने की मांग कर रहे थे, तो कुछ प्रदर्शनकारी देश में सैन्य शासन लाने की मांग कर रहे थे। साओ पाउलो राज्य में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने कहा कि, "पूर्व राष्ट्रपति बोल्सनारो ने उन लोगों को विद्रोह करने के लिए प्रोत्साहित किया"। लुला डी सिल्वा ने प्रदर्शनकारियों को "फासीवादी कट्टरपंथी" कहा और उन्होंने उस आदेश पर दस्तखत किए हैं, जिनमें संघीय सरकार के हाथों में स्थिति को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रपति लूला ने कहा कि, "उन्होंने जो किया, उसकी कोई मिसाल नहीं है और इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए।" ब्राजील के टीवी चैनल्स प्रदर्शनकारियों के तांडव की तस्वीरों से भरे हुए हैं और ग्लोबो न्यूज ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय ध्वज के हरे और पीले रंग के कपड़े पहने हुए दिखाया, जो देश के कंजर्वेटिव आंदोलन का खुद को प्रतीक बता रहे हैं।

 प्रदर्शनकारियों का भारी हंगामा
पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सेनारो के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट में जमकर हंगामा किया और कमरों को तोड़ डाला। दंगाइयों ने कांग्रेस भवन के अंदर आग के गोले फेंके और राष्ट्रपति भवन में कार्यालयों में तोड़फोड़ की। इन सभी भवनों के शीशे टूट गए हैं। वहीं, पूर्व राष्ट्रपति बोल्सेनारो, जो लुला डी सिल्वा के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले फ्लोरिडा चले गये थे, उन्होंने अभी तक इस घटना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और भारी संख्या में पुलिसबलों को राष्ट्रपति भवन के सामने मार्च करते हुए देखा गया है। वहीं, देश के कानून मंत्री फ्लेवियो डिनो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, शाम तक सभी इमारतों पर फिर से सरकार ने नियंत्रण स्थापित कर लिया था और लगभग 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

 अमेरिका जैसा ही ब्राजील में हाल
लोग सवाल पूछ रहे हैं, कि जब दो साल पहले अमेरिका में भी ऐसा हो चुका है, तो फिर ब्राजील ने उस घटना से कोई सबक क्यों नहीं सिखा? स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर मौरिसियो सैंटोरो ने कहा कि, "ब्राजील के अधिकारियों के पास अमेरिका में कैपिटल हिल हिंसा से सबक सीखने और ब्राजील में कुछ इसी तरह की चीज के लिए खुद को तैयार करने के लिए दो साल का समय था।" उन्होंने कहा कि, "ब्रासीलिया में स्थानीय सुरक्षा बल शहर में चरमपंथी कार्रवाइयों को रोकने और उनका जवाब देने में व्यवस्थित तरीके से नाकाम रहे और नए संघीय अधिकारी, जैसे कि न्याय और रक्षा मंत्री, निर्णायक तरीके से काम करने में सक्षम साबित नहीं हुए।" वहीं, फेडरल डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर इबनीस रोचा ने ट्विटर पर पुष्टि की है, कि उन्होंने राजधानी शहर के सार्वजनिक सुरक्षा प्रमुख एंडरसन टोरेस को बर्खास्त कर दिया है।

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