November 15, 2024

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में विदेशों में देश का मान बढ़ाने वालों का सम्मान

0

इंदौर

इंदौर में आयोजित 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मंगलवार को इंदौर पहुंची। राष्ट्रपति नई दिल्ली से इंदौर एयरपोर्ट पर करीब 11.20 बजे पहुंची। राष्ट्रपति इंदौर में सात घंटे रहेंगी और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया । इंदौर पहुंचने पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। यहां वे तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के अंतिम दिन प्रवासी भारतीयों से मिलने के बाद समापन समारोह में राष्ट्रपति प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार-2023 प्रदान किये । यह पुरस्कार विदेश में भारत के बारे में बेहतर समन्वय बनाने, भारत की उपलब्धियों का समर्थन करने और भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए काम करने वाले प्रवासी भारतीय और उनके द्वारा संचालित संगठन और संस्था को दिए जाते हैं।

इंदौर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति मुर्मू की अगवानी राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। इसके बाद वे कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं जहां केन्द्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर स्वागत उद्बोधन दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। राष्ट्रपति के साथ वर्ष 2021 और वर्ष 2023 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्राप्त प्रवासी भारतीयों का ग्रुप फोटोसेशन भी इस मौके पर हुआ ।  

मालवा की पगड़ियों का मिनिएचर देंगे प्रवासी भारतीयों को
इंदौर से मंगलवार को वापस लौटने वाले प्रवासी भारतीयों को राज्य सरकार की ओर से मालवा-निमाड़ की मान -सम्मान की प्रतीक पगड़ियों का एक मिनिएचर भेंट किया जाएगा। पगड़ी के इस मिनिएचर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लोकनर्तक और बड़वाह में रहने वाले संजय महाजन ने बनाया है। महाजन अपने पूरे समूह के साथ इसी प्रवासी भारतीय सम्मेलन में लोक नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं। बताया जाता है कि संजय द्वारा बनाई गई मालवी और पेशवा पगड़ी का मिनिएचर मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग को इतना पसंद आया कि उसके 50 सेट तुरंत तैयार करवाए गए हंै। महाजन ने बताया कि लोक नर्तक होने के नाते वे पहले से ही पर्यटन विभाग के अधिकारी उनसे संपर्क में थे। चूंकि वे लोक नृत्य के साथ पुतलीघर भी संचालित करते है। इसमें वे धार्मिक, सांस्कृतिक प्रसंगों पर आधारित पुतलियां बनाते हैं।

नई एजुकेशन पॉलिसी से भारत बनेगा ग्लोबल मैनपॉवर बनाने वाला देश: प्रधान
केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट और इंटरप्रिन्योर मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भारतवंशियों को संबोधित किया।  उन्होंने कहा चौथी सदी में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने ग्रहों की गणना शुरू कर दी थी। वराह मिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य जैसे विद्वानों ने ग्लोबल मैप की परिकल्पना कर ली थी। ये हम सब मानते हैं, भारत विश्वगुरु था। हम अब जब भी विश्वगुरु बनने की बात करते हैं तो हमारी बातों में सैन्य ताकत से विश्व गुरु बनने की बात कहीं नहीं होती। इसमें इंटलेक्चुअल ताकत की बात करते हैं। इस सोच से नवाचार आता है। आप सब अनुभव करते होंगे कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कुछ उत्पादकों के उत्पाद अप टू मार्क नहीं होते। ऐसे में इस 21वीं सदी में हमारा रोल महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रधानमंत्री ने नई एजुकेशन पॉलिसी लागू की है। इससे भारत ग्लोबल मैनपॉवर बनाने वाला देश बनेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed