November 28, 2024

कड़ाके की ठंड से बढ़ रही हार्ट-पैरालिसिस अटैक के पीड़ितों की संख्या, ऐसे करें बचाव

0

भीषण सर्दी, गलन, बर्फीली हवाएं और लापरवाही से हर दिन पांच से छह लोगों को हार्ट अटैक पड़ रहा है। जबकि छह से सात पैरालिसिस अटैक का शिकार हो रहे हैं। आगरा स्थित एसएन मेडिकल कालेज की ओपीडी के 24 घंटों का ये ताजा रिकार्ड है।

मौसम के साथ मायोकार्डियल इन्फ्राक्शन (दिल का दौरा) बढ़ गया है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की केस हिस्ट्री में कई कारण सामने आए हैं। इनमें बिगड़ी दिनचर्या, तनाव, शारीरिक श्रम का कम होना और खानपान में लापरवाही। शराब और धूम्रपान के लती भी शिकार हो रहे हैं। क्रोनिक स्मोकिंग (लगातार बीड़ी-सिगरेट पीना) भी एक बड़ा कारण बन रहा है। इस तरह के मरीज 28 से 45 साल के बीच वाले हैं। कुल मिलाकर 28 से लेकर 75 साल तक के पीड़ित आ रहे हैं।

दूसरी ओर पैरालिसिस के मरीजों के पीछे सबसे बड़ी वजह हायपरटेंशन (बीपी) है। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर ख्याल न रखना, दवा चालू न करना इन्हें अस्पताल तक ला रहा है। इसमें खून के थक्के बन जाना, खून की नली फटना, दिल और दिमाग के अलावा हाथ-पैर की नलियां ब्लाक होने से पैरालिसिस के दौरे पड़ रहे हैं। दोनों तरह के अटैक मिलाकर हर रोज 15 से 20 मरीज आ रहे हैं। अच्छी बात यह कि डॉक्टर अधिकतर मरीजों को बचाने में सफल हैं। चार दिन में एक-दो मौत हो जाती हैं। ऐसे मरीज देरी से अस्पताल तक आ पाते हैं। इनमें भी अधिक उम्र के पुराने मरीज ज्यादा हैं।

अटैक से इस तरह बचें

मिर्च, मसाले और तली चीजें ज्यादा न खाएं दो बार के बाद तेल में पका खाना खतरनाक सरसों के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा 30 से 40 मिनट की रोज तेज कसरत जरूरी समय पर उठना, खाना-पीना और नींद जरूरी ऐसे मौसम में अगर धूप मिले तो जरूर ली जाए ठंडा पानी पीना, ठंडे पानी से नहाना बंद करें

लक्षणों का रखें ध्यान

पैरालिसिस- किसी अंग का सुन्न होना, आवाज का लड़खड़ाना, हाथ या पैर न उठ पाना, मुंह में किसी भी तरह का खिंचाव आने जैसे लक्षणों पर तत्काल डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

हृदयाघात- छाती में बेचैनी, जीवन में पहली बार उठा अजीब सा दर्द, दिल के बांयी और दायीं तरफ भी दर्द उठने लगे, पेट के निचले हिस्से में भयंकर दर्द शुरू होना इसके लक्षण हैं।

एसएनएम के प्रभारी इमरजेंसी डॉ. चंद्र प्रकाश गौतम ने बताया कि मौसम के साथ खराब लाइफ स्टाइल, तनाव, शारीरिक मेहनत न करना, गलत खानपान, तेल और मसालों का प्रयोग और दवाएं लेने में लापरवाही के कारण अटैक पड़ रहे हैं। सर्दियों में लोगों को अधिक ध्यान रखना चाहिए।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *