चाणक्य स्मृति दिवस पर परिचर्चा व युवा वर्ग के लिए हुआ धार्मिक प्रश्नोत्तरी
रायपुर
चाणक्य स्मृति दिवस पर परिचर्चा एवं युवा पीढ़ी को धर्मग्रन्थों की ओर अग्रसर करने एवं गौरवशाली महान संस्कृति और सनातन धर्म का बोध कराने वर्ल्ड ब्राह्मण फेडरेशन छग एवं सर्व युवा ब्राह्मण परिषद छग. द्वारा वृंदावन हॉल में परिचर्चा व धार्मिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हेतु पंजीकृत 60 प्रतिभागियों से प्रश्नोत्तर की श्रृंखला में हिन्दू धर्मग्रंथों से सम्बंधित प्रश्न पूछे गये और क्रमश: प्रश्नों का उत्तर देते हुए विजेता व उप विजेता बने। विजेता प्रथम स्थान चितरेखा सिन्हा व पीयूष शर्मा, उप विजेता द्वितीय स्थान पूजा रानी होता व विजय पटेल को स्मृति चिन्ह एवं सभी प्रतिभागियों को सहभागिता सम्मान पत्र प्रदान किया गया।
अतिथि महाराज श्री इन्दुभवानंद, छत्तीसगढ़ प्रांत प्रमुख शंकराचार्य आश्रम, संत श्री युधिष्ठिर लाल, पूज्य शदाणी दरबार श्री ज्ञानेश शर्मा, अध्यक्ष योग आयोग, छत्तीसगढ़ शासन एवं अतिथि वक्ता श्री मदनमोहन उपाध्याय, श्री व्ही. पार्थसारथी, पूर्व व्याख्या संस्कृत महाविद्यालय थे. अतिथियों के द्वारा दीपप्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. प्रीति मिश्रा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया. कार्यक्रम संयोजक अजय अवस्थी ने अतिथियों के संबोधन के पूर्व आर्चाय चाणक्य के जीवन पर प्रकाश डाला. तत्पश्चात प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द ओझा ने बताया कि विगत तीन वर्षों से युवाओं को धर्मग्रन्थों से जोड?े व सनातन धर्म, संस्कृति का बोध कराने यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि समाज में वैदिक संस्कारों के साथ जीने के लिए हम अनेक स्तर पर नव युवकों को वैदिक संस्कार दे रहे हैं। हिंदू राष्ट्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। ब्राह्मण समाज का यह आयोजन अत्यंत सराहनीय है। स्वामी डॉ इंदुभवानंद जी ने कहा कि ज्ञान ही जीवन का अनमोल धरोहर है। हमें भारतीय शास्त्र और पुराणों का गहन अध्ययन करना चाहिए, हमें अपनी भाषा को निरंतर परिष्कृत करना चाहिए, हमारी संस्कृत और हिंदी विश्व की सबसे समृद्ध भाषा है। ब्राह्मण समाज प्रश्नोत्तरी के माध्यम से युवाओं में ज्ञान वृद्धि साथ साथ रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरणा जगाने का काम कर रहा है।
योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने कहा कि हमारे समाज में चाणक्य नीति को सबसे उच्च स्थान पर रखा गया है। ब्राह्मण समाज अपने निजी स्वार्थों को किनारे रखकर सदैव सर्व समाज के हित के लिए काम करता रहा है। ब्राह्मण भूखे पेट रहकर भी सबकी कल्याण की कामना करता है। ब्राह्मण ही समाज को समृद्ध और संस्कारवान बनाता है। अतिथि वक्ता पार्थसारथी जी ने चाणक्य के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज भारतीय धर्म दर्शन का मूल्य सारा विश्व समझ रहा है। अतिथि वक्ता श्री मदन मोहन उपाध्याय ने संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म ध्वजा को निरंतर विश्व शिखर पर ऊंचे स्थान पर रखने का काम ब्राह्मण समाज करता रहा है। ब्राह्मण की विद्वता ही उसकी शक्ति है और समाज के लिए यह अनमोल है।