बक्सर में किसानों का जमकर बवाल, लाठीचार्ज से नाराज किसानों ने फूंक दी गाडियां, पुलिस को डंडों से पीटा
बक्सर
बिहार के बक्सर जिले में पुलिस के अत्याचार के बाद किसानों का आक्रोश फूट पड़ा है। चौसा में निर्माणाधीन ताप विद्युत परियोजना में वाटर पाइप लाइन और रेलवे कॉरिडोर के लिए उचित मुआवजे की मांग करने वाले किसानों पर पुलिस ने मंगलवार रात जमकर जुल्म ढाया। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों ने आंदोलन कर रहे किसानों के घरों में घुसकर जमकर पिटाई कर दी। यहां तक कि बच्चों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। पुलिसिया अत्याचार के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। बुधवार सुबह आक्रोशित किसानों ने पावर प्लांट में बवाल काट दिया। बड़ी संख्या में किसान पावर प्लांट में घुस गए और जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की।
किसानों की उचित मुआवजे की मांग पूरी करने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता के बजाय पुलिस-प्रशासन द्वारा किसानों पर दमनकारी नीति अपनाई जानी शुरू हो गई। मांगों को लेकर पिछले 17 अक्टूबर से स्थानीय किसान शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे हैं। मंगलवार को पावर प्लांट का मुख्य गेट बंद कर काम रोक दिए जाने से पुलिस और प्रशासन का पारा गरम हो गया।
मंगलवार को काफी संख्या में पुलिस बल रात 11 बजे के बाद बनारपुर गांव में पहुंच कर किसानों के घर में घुसकर जुल्म ढाना शुरू कर दिया। इस क्रम में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने घरों में घुसकर महिलाओं और बच्चों तक को नहीं छोड़ा और कई लोगों की पिटाई कर दी है। लोगों ने बताया कि पुलिस की इस कार्रवाई में महिला पुलिस साथ में नहीं थी।
इस दौरान ग्रामीणों की सजगता की वजह से पुलिस को बाद में गांव से जाना पड़ा। पुलिस का यह पूरा ड्रामा रात के तीन बजे तक चला। बनारपुर गांव में अचानक हुई पुलिसिया जुल्म से पूरे गांव के लोग आक्रोशित हैं। काफी संख्या में लोगों का हुजूम आर पार की लड़ाई के लिए पावर प्लांट की तरफ जुटने लगा है। बुधवार सुबह किसानों ने पावर प्लांट में तोड़फोड़ कर वाहनों में आग लगा दी। मौके पर हालात बेकाबू हो गए हैं।
मांग को लेकर 2 माह से आन्दोलन कर रहे हैं ग्रामीण
इसी बात के विरोध में किसान व ग्रामीण पिछले 2 महीने से से भी अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसी मामले में पुलिस ने रात के समय घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों पर लाठी बरसाई है। बताया जा रहा है कि चौसा प्रखंड स्थित बनारपुर में पुलिस के मंगलवार देर रात किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में आज किसानों ने चौसा स्थित पॉवर प्लांट में घुसकर हंगामा किया। लाठीचार्ज से गुस्साए किसानों ने पुलिस की एक गाड़ी में भी आग लगा दी।
2019 में रखी गई थी पावर प्लांट की आधारशिला
PM नरेन्द्र मोदी ने 1320 मेगावाट के इस प्लांट की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी थी। ग्रीन फील्ड सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी वाले इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 11,000 करोड़ रुपए है। इसे केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार की संयुक्त स्वामित्व वाली SJVN (सतलुज जल विद्युत निगम) बना रही है। अभी तक 75% काम पूरा हो गया है। इस प्लांट से 9828 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन होगा। करार के अनुसार संयंत्र से उत्पादित बिजली का 85% बिहार को दिया जाएगा।