म.प्र. में टेक्सटाईल एवं गारमेंटस में असीम संभावनाएँ : मंत्री सखलेचा
प्रदेश के खादी एवं हेण्डलूम उत्पाद विश्व के बाजार में छाये हुए हैं : मंत्री भार्गव
भोपाल
टेक्सटाईल एवं गारमेंट में असीम संभावनाएँ हैं। यह दूसरा सर्वाधिक रोजगार प्रदाता सेक्टर है। मध्यप्रदेश में देश के सर्वाधिक आर्गेनिक कॉटन की पैदावार होती है। टेक्सटाईल एवं गारमेंट उद्योग में यह प्रभावी भूमिका निभा सकता है। यह बात सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इंदौर में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के पहले दिन "टेक्सटाईल और गारमेंट" सेशन में कही।
मंत्री सखलेचा ने कहा कि स्वास्थ्य एवं अन्य दृष्टि से मध्यप्रदेश के प्राकृतिक धागे से निर्मित टेक्सटाईल एवं गारमेंट सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। इस क्षेत्र में काफी कुछ कार्य किया जा रहा है। सिल्क, टसर, केला, बाँस, सोया आदि के रेशों से निर्मित कपड़ा की देश और विदेश में बहुत माँग है। हेण्डलूम का 95 प्रतिशत उद्योग भारत में है। भारत के कपास की पूरे विश्व में माँग है। इसे टेक्नालॉजी से जोड़ कर एवं नवाचार अपना कर और बेहतर बनाया जा सकता है। टेक्सटाईल एवं गारमेंट उद्योग में कॉस्ट कटिंग एवं क्वालिटी अपग्रेडेशन पर कार्य करने की जरूरत है। साथ ही टेक्निकल टेक्सटाईल में जाने की आवश्यकता है। इस क्षेत्र में पूरे विश्व के बाजार में पैठ बनाने के लिये सरकार एवं निवेशक गंभीरता से विचार कर प्रभावी बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि दो दिवसीय जीआईएस में निवेशकों के प्रभावी सुझाव प्राप्त होंगे। मध्यप्रदेश की निवेश फ्रेण्डली उद्योग नीति एवं दी जा रही सुविधाओं से मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ रहा है।
टेक्सटाईल और गारमेंट सेक्टर सेशन में कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने भी सहभागिता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के खादी एवं हेण्डलूम उत्पाद विश्व के बाजार में छाये हुए हैं। इनकी ब्रांडिंग करके और आगे बढ़ाया जा सकता है। यह उद्योग प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है। उन्होंने कहा कि निवेशक आगे आयें, लोगों को रोजगार देने के साथ स्वयं एवं प्रदेश के विकास में सहयोग दें।
भारत सरकार की टेक्सटाईल कमिश्नर श्रीमती रूप राशि ने कहा कि देश के स्वच्छतम शहर में आयोजित कार्बन न्यूट्रल एवं जीरो वेस्ट जीआईएस इवेंट में शामिल होना मेरे लिये गौरव की बात है। भारत की स्पिनिंग इण्डस्ट्री विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने टेक्सटाईल और गारमेण्ट सेक्टर को और बेहतर बनाने के लिए पेनेलिस्ट से प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
जीआईएस में देश और विदेश से आये इन्वेस्टर्स को प्रदेश की क्षमताओं से रूबरू कराने के लिये प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों पर आधारित सेशन का आयोजन किया जा रहा है।
उद्योग सचिव पी. नरहरि ने टेक्सटाईल एवं गारमेंट से संबंधित प्रदेश की क्षमताओं एवं उपलब्धियों की जानकारी प्रेजेन्टेशन के माध्यम से दी एवं निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये आमंत्रित किया। पेनलिस्ट ने सेशन के सहभागी निवेशकों के सवालों का जवाब दिया। अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मनु श्रीवास्तव ने सेशन में सहभागिता के लिये देश-विदेश से आये निवेशकों का आभार माना।
सेशन के पेनलिस्ट में मैनेजिंग डायरेक्टर बेस्ट कार्पोरेशन प्रा.लि. (बीसीपीएल) आर. राजकुमार, ज्वांइट मैनेजिंग डायरेक्टर वर्धमान टेक्सटाईल ग्रुप नीरज जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर गोकल दास एक्सपोर्ट लिमिटेड शिवा गनपथी, चेयरमेन अपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल एण्ड एमडी टेक्सपोर्ट इण्डस्ट्रीज प्रा. लि. नरेन्द्र गोयनका और मैनेजिंग डायरेक्टर मेट्रिक्स क्लोदिंग प्रा.लि. गौतम नायर शामिल थे।
सेशन में पेनलिस्ट द्वारा टेक्सटाईल और गारमेन्ट क्षेत्र में मध्यप्रदेश की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के पुनर्निर्माण, इस सेशन में कपड़ा और परिधान क्षेत्र को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक बिंदुओं, इकोसिस्टम के विकास के लिए रोडमैप, निर्यात बढ़ाने के साथ राज्य में नवाचार, उभरते रुझान और निवेश के अवसर थीम पर चर्चा की गई।
सभी पेनलिस्ट ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की पारदर्शी प्रक्रिया, निवेशक फ्रेण्डली उद्योग नीति, कुशल कार्य-बल की उपलब्धता, आधारभूत संरचना, सड़कों एवं रेल यातायात का जाल, अन्य राज्यों से समीपता एवं विभिन्न पोर्टों की उपलब्धता के कारण आसान ट्रांसर्पोटेशन, कच्चे माल और भूमि की उपलब्धता, 24×7 विद्युत आपूर्ति से लेकर विभिन्न विभागों के मंत्रियों तक आसान पहुँच मध्यप्रदेश को निवेश के लिये उपयुक्त राज्य का दर्जा दिलाती है।