मध्यप्रदेश, एआईएफ की चेन का मॉडल पॉइन्ट : केन्द्रीय राज्य मंत्री पटेल
इन्वेस्टर्स ने कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश की सराहना की
जीआईएस में "एग्रीकल्चर, फूड एण्ड डेयरी प्रोसेसिंग" विशेष सेशन संपन्न
भोपाल
मध्यप्रदेश में कृषि और खाद्य प्र-संस्करण क्षेत्र में मौजूद अपार संभावनाओं को हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसेसिंग पर हुए विशेष सेशन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय खाद्य एवं प्र-संस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) की चेन का मॉडल पॉइन्ट है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों के लिए सबसे अधिक अनुकूल वातावरण मौजूद है। पटेल ने इन्वेस्टर्स से इन क्षेत्रों में निवेश करने का आहवान किया। सेशन में सभी संबोधनकर्ताओं ने निवेशकों को दी जा रही सुविधाओं के लिए मध्यप्रदेश के शासन-प्रशासन की सराहना की। सेशन में प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह मौजूद थे।
एग्रीकल्चर फूड एण्ड डेयरी प्रोसेसिंग के विशेष सेशन को नीदरलैंड के मिशेल वेन इर्केल, अमेरिका के अजय राव, एल.टी. फूड के एम.डी और सीईओ अश्विनी कुमार अरोरा, आई.टी.सी. के रजनीकांत राय, नवनीत गोयल, देबोपम मुखर्जी ने भी संबोधित किया। अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल ने प्रेजेन्टेशन दिया। अपर मुख्य सचिव जे.एन.कंसोटिया ने सेशन का संचालन किया। प्रमुख सचिव पशुपालन गुलशन बामरा ने अतिथियों का स्वागत कर आभार प्रकट किया।
केन्द्रीय राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि इन्वेस्टर्स के पास छूने के लिए खुला आसमान है। प्रदेश में उनके लिए सभी सुविधाएँ सुलभ हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से वर्ष 2014 से वर्ष 2020 की अवधि में खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में विदेशी निवेश 4.1 से बढ़कर 5.3 मिलियन डॉलर हो गया है। कृषि उत्पादों में मध्यप्रदेश नंबर-1 है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से वर्ष 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। संसार का 40 प्रतिशत मोटा अनाज (मिलेट) हमारा देश उत्पादित करता है। उन्होंने कहा कि सरकार फूड लेब लगाने के लिए सहयोग कर रही है। इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए भी सरकार हितग्राही को 50 प्रतिशत और कृषि विज्ञान केन्द्रों को 100 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। उन्होंने प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण को बढ़ावा देने के लिए (3-T) ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और टेस्ट पर काम करने पर जोर दिया गया है। केन्द्रीय राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि हमें ब्रान्डिंग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करना है। फूड प्रोसिंसिग इंडस्ट्री के क्षेत्र में मौजूद गेप को भरना है।
प्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद
रीजनल मैनेजिंग डायरेक्टर साउथ एशिया, यूएस इंटरनेशनल डेव्लपमेंट फाइनेन्स कार्पोरेशन के अजय राव ने कहा कि भारत और मध्यप्रदेश में काम करने के व्यापक अवसर मौजूद है। हम पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्रों के साथ कृषकों की आय को बढ़ाने और कृषि में होने वाले वेस्टेज को कम करने के लिए कार्य कर रहे हैं। “मिल्क मंत्र” से लोगों को आगे बढ़ाने के लिए 10 मिलियन डॉलर का निवेश कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में ऋण भी उपलब्ध करा रहे हैं, जिससे लोग आर्थिक रूप से सशक्त बनें।
इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टिनेशन है एम.पी.
भारत और श्रीलंका के लिए नीदरलैंड के कृषि सलाहकार मिशेल वेन इर्केल ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। गुड फूड और गुड फार्मिंग के क्षेत्र में मध्यप्रदेश उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में इंडिया , एशिया में सबसे आगे है और एम.पी. “फूड बास्केट ऑफ इंडिया” है। उन्होंने मध्यप्रदेश को इन्वेस्टर्स के लिए फ्यूचर फेवरेट डेस्टिनेशन बताया। इर्केल ने कहा कि नीदरलैंड भी सहयोग और निवेश के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री चौहान ने जो कहा, करके दिखाया
एलटी फूडस् लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी कुमार अरोरा ने सेशन में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो कहा, वह सब करके दिखाया। उन्होंने प्रदेश में वर्ष 2006 से 20 करोड़ रूपये से शुरू हुई 10 हजार करोड़ रूपये तक की व्यापार यात्रा में शासन- प्रशासन के योगदान को सराहा। आज बासमती चावल का ब्रांड “दावत” सर्वाधिक जाना-पहचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमेशा सकारात्मक रूख दिखाया है। निवेशकों के लिए यह फेवरेट डेस्टिनेशन है। एल.टी.फूडस्लिमिटेड 65 देश को बासमती चावल निर्यात करता है। निर्यात के 20 प्रतिशत की आपूर्ति मध्यप्रदेश से होती है। संस्थान का ब्रांड “रॉयल” अमेरिका में नंबर-1 ब्रांड है।
मध्यप्रदेश पॉलिसी क्रिएटर
ई-चौपाल के नेशनल हेड और आई.टी.सी. के डिवीजनल चीफ एग्जीक्यूटिव, एग्री बिजनेस रजनीकांत राय ने कहा कि मध्यप्रदेश पॉलिसी क्रिएटर है। यहाँ की बनाई हुई नीतियाँ देश में एडॉप्ट की जाती है। मंडी से बाहर क्रय करने की सर्वप्रथम अनुमति मध्यप्रदेश ने दी। आई.टी.सी. चौपाल पूरे देश में है जिसकी शुरूआत प्रदेश से वर्ष 1985 में हुई थी। प्रदेश ने मंडियों से खरीदी के लिए यूनिफाइड लाइसेंस की शुरूआत की है। अब एक लाइसेंस से प्रदेश की सभी मंडियों से खरीदी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश गौरवशाली है जो देश में शरबती गेहूँ का उत्पादन करने वाला एकमात्र राज्य है।
बेम्बू केपिटल ऑफ इंडिया है एम.पी.
आर्टिजन के सीईओ देबोपम मुखर्जी ने एग्रो फॉरेस्ट्री में बाँस के लाभ के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि मध्यप्रदेश बेम्बू केपिटल ऑफ इंडिया है। आज बेम्बू क्रांकीट, स्टील और टिम्बर का रिप्लेसमेन्ट बन रहा है। मुखर्जी ने कहा कि संसार की उत्कृष्ट गुणवत्ता के बाँस का हम उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में बाँस सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध है। इसमें निवेश की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं।
प्रदेश में सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम से कार्य
चीफ कमिश्नर कस्टम, सेंट्रल जी.एस.टी. एण्ड सेंट्रल एक्साइज मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ नवनीत गोयल ने कहा कि प्रदेश में सिंगल विंडो क्लियरेन्स सिस्टम से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निवेशकों को सेंट्रल गवर्मेन्ट इंसेन्टिव्स फॉर एक्सपोर्ट ऑफ एग्री प्रोडक्ट्स के लाभों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अथराइज्ड इकोनॉमिक ऑपरेटर्स (एईओ) और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) के द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी बताया।