नूपुर शर्मा को हथियार का लाइसेंस मिला, दिल्ली पुलिस ने बताया- क्यों जारी किया आर्म लाइसेंस
नईदिल्ली
बीजेपी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा को हथियार का लाइसेंस मिल गया है. बताया जा रहा है कि उन्हें आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस मिला है. नूपुर शर्मा बीजेपी में प्रवक्ता थीं. उन्होंने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. इसके बाद काफी विरोध हुआ था. बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था. नूपुर शर्मा के खिलाफ कई राज्यों में मामले भी दर्ज कराए गए. उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं.
विवाद बढ़ने पर नूपुर ने मांगी थी माफी
नूपुर शर्मा ने जून 2022 में एक टीवी डिबेट में पैगंबर मुहम्मद और उनकी तीसरी पत्नी, आयशा के बारे में विवादास्पद बयान दिया था. इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था. देश के कई राज्यों में नूपुर के बयान को लेकर हिंसा भी हुई थी. इतना ही नहीं कई मुस्लिम देशों ने इस बयान की निंदा की थी. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद नूपुर ने माफी मांग ली थीं.
नूपुर का समर्थन करने पर हुईं हत्याएं
उधर, कई राज्यों में नूपुर शर्मा पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में केस भी दर्ज हुए हैं. राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयाल और पुणे में केमिस्ट उमेश कोल्हे की नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर हत्या भी कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही देशभर में उनके खिलाफ दायर केसों को भी एक जगह ट्रांसफर कर दिया है.
नूपूर को पुलिस की तरफ से यह लाइसेंस आत्मरक्षा के लिए जारी किया गया है. दरअसल, इस बयान के बाद नुपूर को लगातार जान से मारने की कई धमकियां दी गईं, जिसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने यह आर्म लाइसेंस दिया.
बता दें कि एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान नुपूर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी (Prophet Muhammad) की थी, जिसके बाद विवादों एक लंबा दौर चला. नुपूर को तमाम जगहों से जान से मारने की धमकी दी गईं. उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए. भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस विवादित बयान के बाद अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था. उनके अलावा दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल (Naveen Kumar Jindal) को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
पार्टी ने दोनों नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई, जब उनके बयानों को लेकर विवाद हो गया था और मुस्लिम समुदाय ने इसका भारी विरोध किया था. दोनों नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई को विवाद को समाप्त करने की भाजपा की एक कोशिश के रूप में देखा गया.
इस मुद्दे पर बवाल मचने के बाद भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार नहीं करती.
भाजपा से निलंबन के बाद नूपुर शर्मा ने अपना बयान बिना शर्त वापस ले लिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने की नहीं थी.