September 28, 2024

दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ की रिकवरी का नोटिस, दिल्ली सरकार के ही DIP सचिव ने भेजा

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नईदिल्ली
 सरकारी विज्ञापनों के नाम पर अपनी पार्टी का प्रचार करना अरविंद केजरीवाल को भारी पड़ने जा रहा है। ताजा खबर यह है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के निर्देश पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ रुपए का रिकवरी नोटिस भेजा गया है। यह रकम 10 दिन के अंदर जमा करना होगी। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी किया है। पिछले दिनों दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को 2015-2016 के दौरान सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था।

पूरे मामले में अभी आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया नहीं आई है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी LG Vs AAP की स्थिति बनेगी। बता दें, आम आदमी पार्टी पहले भी कई मुद्दों पर आरोप लगा चुकी है कि एलजी का बर्ताव पक्षपाती रहा है और वे केंद्र सरकार के इशारों पर काम करते हैं।

क्या लिखा है रिकवरी नोटिस में

आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को भेजे नोटिस में लिखा गया है, 'उपरोक्त विषयांतर आपसे अनुरोध है कि राज्य के खजाने को ₹99,31,10,053 की तुरंत प्रतिपूर्ति की जाए और शेष विज्ञापनों के लिए ₹7.11 करोड़ (लगभग) जिनका भुगतान अभी तक सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है, सीधे भुगतान किया जाए। इस नोटिस के जारी होने की तारीख से 10 दिनों के भीतर भुगतान किया जाए।’

सील किया जा सकता है AAP का दफ़्तर

अगर 10 दिनों में ₹164 करोड़ का भुगतान नहीं किया जाता है, तो आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रॉपर्टी के रूप में AAP का दफ़्तर सील किया जा सकता है. उपराज्यपाल के जिस आदेश के तहत DIP ने रिकवरी नोटिस जारी किया है, उसमें क़ानूनी कार्रवाई के साथ प्रॉपर्टी अटैच करने की बात कही गई थी.

चुनाव आयोग तक पहुंचेगा मामला

19 दिसंबर को सबसे पहले, एलजी ने इस मामले में मुख्य सचिव को कार्रवाई करने का आदेश दिया था. उस आदेश में कहा गया था कि निर्धारित समय के भीतर अगर पार्टी भुगतान नहीं करती है, तो क़ानूनी कार्रवाई के साथ पार्टी की प्रॉपर्टी भी अटैच की जा सकती है. मुख्य सचिव को एलजी ने यह भी आदेश दिया था कि इस पूरे मामले की जानकारी चुनाव आयोग को भी दें.

यह है मामला

पिछले महीने दिल्ली के उपराज्यपाल ने सरकारी विज्ञापन की आड़ में राजनीतिक प्रचार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव को आम आदमी पार्टी से 2015-2016 में विज्ञापन पर हुए खर्च की वसूली आम आदमी पार्टी से करने का निर्देश दिया था. उपराज्यपाल के निर्देश के बाद दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार निदेशालय ने यह नोटिस जारी किया है.

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