November 29, 2024

कमिश्नर कार्यालय कर्मचारी को 64 हजार की रिश्‍वत लेते पकड़ा

0

जबलपुर
 शहर में आयुक्‍त कार्यालय के कर्मचारी को 64 हजार रुपये की रिश्‍वत लेते पकड़ा गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार लोकायुक्‍त के अमले ने यह कार्रवाई की है।
कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ चंद्र कुमार दीक्षित के द्वारा केस को अपने पक्ष में न्याय दिलाने को लेकर फरियादी से 65 हजार रूपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। जिसकी शिकायत फरियादी ने लोकायुक्त टीम को की थी। जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने आज कमिश्नर कार्यालय में ड्रॉज में पैसे रखने के दौरान आरोपित चंद्र कुमार दीक्षित को रंगे हाथ दबोच लिया। वहीं लोकायुक्त की टीम के द्वारा सर्किट हाउस में जांच की जा रही है।

सर्किट हाउस में बुलाया था रिश्वत लेने

फरियादी टीकाराम चंद्रवंशी ने बताया कि उसकी 18 हेक्टेयर जमीन बंदोबस्त में 11 हेक्टेयर दर्शा दी गई थी, बाकी की जमीन किसी और के नाम चढ़ गई थी। वह अपनी जमीन के लिए 35 साल से परेशान था। पहले एसडीएम और फिर अपर कलेक्टर की अदालत ने उसके पक्ष में फैसला दिया लेकिन अब कमिश्नर कार्यालय में अपील दायर हुई थी। जिसमें उसके पक्ष में फैसला दिलाने के एवज में 65 हजार रुपए की डिमांड बाबू चंद्रकुमार दीक्षित द्वारा की गई थी। जिसकी शिकायत उसने लोकायुक्त में कर दी। तय हुई डील के तहत रकम लेकर बाबू ने उसे सर्किट हाउस क्रमांक 2 में बुलाया था। जहां पर जैसे ही रिश्वत के रुपयों का लेनदेन हुआ और तभी पहले से तैनात लोकायुक्त पुलिस की टीम ने बाबू को धर दबोचा।

ड्रॉज में रखवा दी थी रकम

आजकल लोकायुक्त की ट्रेप कार्रवाई से भ्रष्टाचारी कर्मचारी अधिकारी बेहद भयभीत हैं। जिसके चलते वे लोगों से रिश्वत की रकम सीधे ड्रॉज में रखवा रहे हैं। ताकि कैमिकल लगे नोटों को छूकर उनके हाथ न रंग पाएं। इस मामले में भी सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी चंद्र कुमार दीक्षित ने यही शातिराना हरकत की थी, लेकिन लोकायुक्त की टीम ने इसका भी तोड़ निकाल रखा है। टीम ने ड्रॉज में रखे कैमिकल लगे नोटों का ही पंचनामा बनाकर मामला दर्ज कर लिया। बाबू बार-बार यह दुहाई देता रहा कि उसके हाथ तो रंगे ही नहीं हैं लेकिन लोकायुक्त की टीम ने उसकी एक न सुनी और नियमसंगत कार्रवाई पूरी की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *