लोकायुक्त पुलिस ने सहायक जेल अधीक्षक को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
भोपाल
लोकायुक्त पुलिस भोपाल ने सीहोर जिले के नसरूल्लांगज के सहायक जेल अधीक्षक को रिश्वत लेते हुए पकड़ने के लिए सफाईकर्मी का मेहमान बन कर सज-धज कर जाना पड़ा। लोकायुक्त पुलिस के लिए जेल परिसर में प्रहरियों से नजर बचाकर सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल तक पहुंचना आसान नहीं था, लेकिन एसपी मनु व्यास, डीएसपी सलिल शर्मा सहित अन्य अफसरों ने तीन घंटे की खासी मशक्कत के बाद आखिरकार रिश्वतखोर अफसर को दबोचने में सफलता पाई। यह पूरी कार्रवाई गुरुवार की रात में हुई। जानकारी के अनुसार अर्जुन पवार ने एसपी लोकायुक्त मनु व्यास को शिकायत की थी कि नसरुल्लांगज के सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल उनसे रिश्वत मांग रहे हैं। दरअसल अर्जुन पवार के साले रामनिवास उर्फ भूरा और अन्य चार लोग जेल में बंद हैं। इन्हें प्रताड़ित नहीं करने व इनसे लगातार मुलाकात करवाने के लिए पांचों बंदियों के रिश्तेदारों से 20-20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
‘मिठाई का डिब्बा ले आना…’ और हो गया एक्शन, गद्दे के नीचे रखे थे पैसे
अर्जुन पवार के साथ लोकायुक्त पुलिस ने दो पुलिसकर्मी भी भेजे। जहां यह कोड रखा गया था कि मिठाई का डिब्बा ले आना। जैसे ही पवार ने बघेल को बीस हजार रुपए दिए। वैसे ही उन्होंने उन पुलिसकर्मियों को कहा कि मिठाई का डिब्बा ले जाना, पुलिसकर्मी वहां से मंदिर के पास तक पहुंचे और अपने अफसरों से कहा कि मिठाई का डिब्बा लेकर आना। वैसे ही अफसरों ने दौड़ कर बघेल के बंगले के अंदर प्रवेश किया और गद्दे के नीचे रखे रुपए बरामद कर लिए।
मेहमान बन जेल परिसर में एंट्री, प्रहरी खा गए गच्चा
जेल परिसर में रहने वाले बघेल तक पुलिस का पहुंचना आसान नहीं था। इसके लिए लोकायुक्त पुलिस ने यहां की जानकारी जुटाई। जिसमें पता चला कि जेल परिसर में ही रहने वाले सफाईकर्मी के यहां पर दो दिन पहले एक आयोजन था। लोकायुक्त पुलिस अफसर और उनके साथ महिला पुलिस अफसर ऐसे पहुंचे, जैसे वे आयोजन में मेहमान बन कर आए हैं। जेल परिसर के मेन गेट पर इन्होंने यही कहा कि वे आयोजन में शामिल होने यहां पर आए हुए हैं। इसके चलते उनकी एंट्री जेल परिसर में हो गई। इसके बाद अब आगे बढ़ना भी पुलिस का मुश्किल था। जेल के मेन गेट के प्रहरियों को भी यही बताया गया कि वे समारोह में शामिल होने आए हैं। सहायक जेल अधीक्षक के बंगले के बाहर भी प्रहरी तैनात थे।