November 30, 2024

राजस्थान में घूम-घूमकर फिर एकबार अशोक गहलोत को अपनी ताकत दिखाएंगे सचिन पायलट, कांग्रेस भी हुई सतर्क

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राजस्थान
  राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर वरिष्ठ नेता सचिन पायलट कांग्रेस को मजबूत करने के लिए जमीन पर उतर रहे हैं। पायलट पूरे प्रदेश में सभाएं करने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी शुरुआत अगले सप्ताह मारवाड़ और शेखावाटी में किसान सम्मेलन से होगी। इन सम्मेलनों से प्रदेश की सियासत भी गरमा सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है। ऐसे में किसान सम्मेलनों को पायलट खेमे की अपनी ताकत दिखाने के तौर पर भी देखा जा रहा है। बजट तैयारियों में व्यस्त होने की वजह से संभवत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन किसान सम्मेलनों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

पायलट 16 से 19 जनवरी के बीच नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और पाली में सभाएं कर रहे हैं। पायलट गुट का कहना है कि यह सभाएं संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए है। पर गहलोत खेमा इसे पायलट की ताकत आजमाइश के तौर पर देख रहा है। इससे पार्टी नेतृत्व भी सतर्क हो गया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा हल तलाशने में जुटे हुए हैं। पार्टी को सर्वोपरि रखते हुए जल्द कोई रास्ता निकाल लिया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी कह चुके हैं कि अशोक गहलोत और पायलट दोनों कांग्रेस के लिए संपत्ति हैं। 

पायलट खेमा मानता है कि राजस्थान में कांग्रेस का भाजपा से सीधा मुकाबला है। भाजपा चुनाव तैयारियां शुरू कर चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जल्द प्रदेश का दौरा करने वाले हैं। ऐसे में पार्टी हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकती। इसके साथ जिन क्षेत्रों में किसान सम्मेलन किए जा रहे हैं, वह भाजपा का गढ़ माने जाते हैं। पार्टी को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है, तो किसान, युवाओं और मतदाताओं के बीच जाना होगा। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता के मुताबिक, पायलट के इन सम्मेलनों से पार्टी को फायदा मिलेगा। पार्टी को 2003 और 2013 की तरह हार से बचना है, तो अभी से जमीन पर उतरकर मेहनत करनी होगी।

दरअसल, सितंबर में विधायक दल की बैठक को लेकर विधायक की बगावत के बाद प्रदेश में स्थिति जस की तस बनी हुई है। आधिकारिक बैठक से अलग विधायकों की बैठक बुलाने वाले गहलोत समर्थकों को दिए गए कारण बताओं नोटिस पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं है। इससे पायलट खेमा काफी नाराज है।
 

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