फास्ट फूड से स्मार्ट फूड की ओर अग्रसर विषयक एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न”
रायपुर
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है, जिसके तहत डब्ल्यूडीसी पीएमकेएसवॉय 2.0 योजनांतर्गत क्षमता विकास के तहत अंतर्राष्ट्रीय मिलेट 2023 विषयक एक दिवसीय कार्यशाला कार्यालय उप संचालक कृषि रायपुर के सभाकक्ष में आयोजित की गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा के द्वारा की गई। कार्यशाला में उप संचालक कृषि श्री आर. के कश्यप, उप संचालक उद्यान श्री के. एस. पैकरा, उप संचालक मत्स्य पालन श्री एम. के. पैकरा, कृषि वैज्ञानिक श्री विवेक स्वर्णकार, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री यू.के गव्हाड़े, सहायक संचालक कृषि श्रीमती ममता पाटिल, श्रीमती ईशरत ख्वाजा सांख्यिकी अधिकारी श्री अनिल सनाढ्य, श्री नवनीत मिश्रा वाटरशेड ग्राम के डब्ल्यूबीटी श्री एम. एल. देवांगन, श्रीमती सारिका, श्रीमती चन्द्रप्रभा श्रीमती अंकिता, श्री श्रवण पैकरा, माइक्रोवाटरशेड ग्राम-गनियारी, पिकरीडीह, बंगोली, मटियाडीह, बरोडा, असौंदा, मोंहदी, मुड़पार के दो-दो प्रगतिशील कृषक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, धरसींवा / आरंग / अभनपुर / तिल्दा, सरपंच ग्राम पंचायत गनियारी, मोहदी, असौंदा, अड़सेना एवं आत्मा योजना के एटीएम, बीटीएम उपस्थित रहें।
कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट फसलों (कोदो, कुटकी एवं रागी) के उत्पादन को बढ़ावा दने हेतु मिलेट मिशन की स्थापना के साथ ही राज्य में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी का रू. 3000 प्रति क्वि एवं रागी का रू. 3578 प्रति क्वि. न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनके संग्रहण एवं विपणन की पुख्ता व्यवस्था की गयी है। राज्य में इन मिलेट उत्पादकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत राशि रू. 9000/- प्रति एकड़ 'इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है।
लघु धान्य में फसलों के स्वास्थ्य लाभ की जानकारी दी गई, जिसमें बताया गया कि लघु धान्य फसल एसिडिक विरोधी होते है, लघु धान्य फसल लस मुक्त है, टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद करता है, रक्तचाप को कम करने में प्रभावित है, गेस्ट्रिक अल्सर या कोलन कैसर जैसी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों के जोखिम को कम करता है एवं कब्ज, अधिक गैस, सूजन और ऐंठन जैसी समस्याओं को दूर करता है।