लखनऊ में दो दरोगा पर FIR, जमीन कब्जाने के लिए शिकायतकर्ता को बेरहमी से पीटा
लखनऊ
ठाकुरगंज थाने में बालागंज चौकी प्रभारी अनिल कुमार सिंह और बीट प्रभारी अशोक कुमार सिंह समेत 10 लोगों के खिलाफ घर में घुसकर मारने-पीटने और अभद्र व्यवहार करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। यही नहीं दोनों दरोगा पर थाने के अंदर भी शिकायतकर्ता को लाकप से निकाल पर पीटने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप है। यह एफआईआर कोर्ट के आदेश पर लिखी गई है। शिकायतकर्ता दुर्गा प्रसाद द्विवेदी का आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायत की थी। जांच करने आई पुलिस ने आरोपितों के साथ साठगांठ कर उनके घर हमला बोल दिया था। पुलिस ने मेडिकल कराया जिसमें चोट लगने की पुष्टि भी हुई। स्थानीय पुलिस और अफसरों के सुनवाई न करने पर ही कोर्ट में शिकायकर्ता ने अर्जी दी थी।
ठाकुरगंज बरौरा हुसैनबाड़ी में रहने वाले दुर्गा प्रसाद द्विवेदी ने एफआईआर में लिखाया है कि आठ जनवरी को घर के पास सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करने का प्रयास किया। इनमें शिवरतन जायसवाल, विशाल, रितिक जायसवाल व अन्य लोग थे। विरोध करने पर ये लोग मारपीट पर उतर आए। सूचना पर पुलिस पहुंची तो वह भी कब्जे का प्रयास करने वालों के पक्ष में हो गई। इसके बाद बालागंज चौकी प्रभारी अनिल कुमार सिंह और बीट प्रभारी अशोक कुमार सिंह वहां पहुंचे। इनके सामने भी आरोपितों ने घर में हंगामा व मारपीट की। पुलिस दुर्गा प्रसाद को ही थाने लेकर चली गई।
थाने में चौकी प्रभारी ने खूब पीटा
दुर्गा प्रसाद ने आरोप लगाया कि आरोपितों से पुलिस ने साठगांठ कर ली थी। इस पर ही उनके खिलाफ शांति भंग करने की कार्रवाई कर लाकप में डाल दिया था। उसकी बहन वहां पहुंची तो उसे पुलिसकर्मियों ने गालियां दी। आरोप है कि दरोगा अमित और अशोक ने लाकप से निकाल कर उन्हें लात-घूसों से पीटा। वह बेसुध सा होकर गिर पड़ा। उसके गिरने पर ही पुलिस ने पीटना बंद किया। नौ जनवरी की सुबह पुलिस ने उसका मेडिकल कराया तो उसमें चोट लगने की पुष्टि हुई। डॉक्टर ने एक्सरे करने के लिये कहा लेकिन पुलिस ने नहीं कराया। दुर्गा प्रसाद का आरोप है कि उसके अंगूठे में फ्रैक्चर हो गया था। एक्सरे से यह साक्ष्य हो जाता, इसलिये पुलिस ने डॉक्टर की बात नहीं सुनी।
आरोपितों पर धमकाने का आरोप
दुर्गा ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपित अब उन्हें धमका रहे है। कह रहे हैं कि एफआईआर कराओगे तो ठीक नहीं होगा। उनके परिवार को जान का खतरा बना हुआ है।