देवगुड़ी के पंजीकृत सेवादारों को भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का मिलेगा लाभ
नारायणपुर
जिले के अबूझमाड इलाके में आदिवासी संस्कृति में देवी स्थल, देवगुड़ी में पुजारी, सिरहा-गुनिया, मांझी, चालकी, अटपहरिया, मोहरिया सब अपने-अपने कार्यों का निर्वहन करते हैं। जिन्हे देवी स्थलों के सेवादार के रूप में जाना जाता है। जिले में लगभग 650 देव गुड़ी देवी स्थलों के पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, आठ पहरिया, बाजा मोहरिया का पंजीयन किया जा चुका है।
पंजीकृत सेवादारों को सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देश में आंशिक संशोधन उपरांत योजनांतर्गत अनुसूचित क्षेत्रों के आदिवासियों के देव स्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ आदिवासियों के देव स्थल के पुजारी, सिरहा-गुनिया, मांझी, चालकी, अटपहरिया, मोहरिया को भी शामिल किया गया है। उन्हें भी इस योजना का लाभ प्रदाय किया जायेगा, बशर्ते वे कृषि भूमि धारण तो करते हों परंतु शासन की अन्य किसी भी योजना से लाभ प्राप्त न कर रहे हों। इस संबंध में शासन द्वारा योजनांतर्गत उपरोक्तानुसार पात्र हितग्राहियों से निर्धारित प्रपत्र में आवेदन प्राप्त कर संशोधित कार्ययोजना अनुरूप कार्य संपादित कराया जाना सुनिश्चित है। किसी कारणवश छुटे हुए देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति पुन: एक आवेदन ग्राम पंचायत सचिव के समक्ष प्रस्तुत कर अपना पंजीयन करा सकते हैं।