कर्नाटक में बदलेगा कप्तान या ‘मिशन 136’ की कमान?
नई दिल्ली
कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। अब इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मुलाकात ने चर्चाएं बढ़ा दी हैं। हालांकि, इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी या वरिष्ठ नेता की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान 15 मिनट के लिए अलग से मुलाकात की थी। खास बात है कि दक्षिण में विस्तार की कोशिश में जुटी भाजपा कर्नाटक में ही दम दिखा सकी है। अब आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी तैयारियां मजबूत करना चाहती है। इधर, लिंगायतों में येदियुरप्पा का प्रभाव माना जाता है। हाल ही में भाजपा ने उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड में शामिल किया है।
अब पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद अटकलें बढ़ गई हैं कि येदियुरप्पा राज्य में नई भूमिका में नजर आ सकते हैं। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सरकार पहले ही विपक्ष की तरफ से लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही है। हालांकि, पार्टी यह कहती रही है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा।
येदियुरप्पा की नाराजगी की अटकलें
अटकलें लगती रही हैं कि येदियुरप्पा पार्टी से नाराज चल रहे हैं। हालांकि, वह कई बार साफ कर चुके हैं कि उन्हें पार्टी में नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने ये संकेत भी दिए हैं कि कोई भी उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म नहीं कर सकता है। हाल ही में हुबली में हुए पीएम मोदी के कार्यक्रम में उन्हें न्योता नहीं दिया गया था। पार्टी का कहना था कि सरकारी कार्यक्रम के चलते उन्हें नहीं बुलाया गया।
कांग्रेस की चुनौती तैयार
खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कर्नाटक यूनिट को 'मिशन 136' यानी 224 में से 136 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। अब राज्य में डीके शिवकुमार की अगुवाई वाली कांग्रेस भी तेजी से सक्रियता बढ़ा रही है। कांग्रेस आलाकमान ने पहले ही विधानसभा के लिए प्रत्याशियों के नाम चुनने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृहराज्य भी है।
गठबंधन टूटा, सरकार बनी
बीते चुनाव में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ने साथ आकर कर्नाटक में सरकार बना ली थी और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी बने थे। हालांकि, विधायकों के टूटने के चलते गठबंधन सरकार गिर गई और येदियुरप्पा के नेतृत्व में कर्नाटक में भाजपा सरकार आई। बाद में प्रदेश की कमान बोम्मई को सौंपी गई थी।