पेट्रोल-डीजल सस्ता होने पर और घटेगी महंगाई, लोगों की खरीद क्षमता में हो सकता है इजाफा
नई दिल्ली
देश में महंगाई दर में गिरावट के बाद विशेषज्ञों को उम्मीद है कि लोगों की कुछ चीजों की खरीदारी की क्षमता में इजाफा हो सकता है। इससे मांग बढ़ने से कंपनियां उत्पादन में वृद्धि कर सकती हैं जिसका असर रोजगार में वृद्धि पर देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके अलावा रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में बढ़ोत्तरी में ज्यादा तेजी दिखाई देने के आसार भी कम हैं। उनका कहना है कि महंगाई घटने की वजह से लगातार बढ़ रही ब्याज दरों की रफ्तार पर लगाम की वजह से कारोबारियों को महंगे कर्ज से भी राहत मिलने की उम्मीद है। इसका सीधा फायदा उन कारोबारियों को होगा जो रोजमर्रा की जरूरत का सामान बनाते हैं।
जानकारों के मुताबिक महंगाई घटने की वजह से निचले आय वर्ग वाले तबके की क्रय शक्ति में इजाफा हो सकता है। इसका सीधा फायदा इस क्षेत्र में उत्पादन करने वाले कारोबार में वृद्धि के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि कुछ जानकार ये भी मान रहे हैं कि ये महंगाई अभी आने वाले दिनों में कुछ चीजों में बढ़ भी सकती है, क्योंकि मौजूदा गिरावट केवल चुनिंदा आइटम जैसे सब्जियों और फलों के दाम गिरने की वजह से ही दिखाई दे रही है। चमड़ा, दूध और दूसरे कई उत्पादों की महंगाई अभी भी ज्यादा है।
इस वजह से रोजगार बढ़ने की उम्मीद
केयर रेटिंग की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा है कि इन मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की खर्च करने क्षमता महंगाई गिरने के बाद बढ़ सकती है। इससे उनकी जरूरत के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा तभी वह बढ़ती मांग को पूरा कर पाएंगे। इस सब में निश्चित तौर पर मध्यम से लंबी अवधि के दौरान नौकरियों में भी इजाफा होना संभव है। इन क्षेत्रों में कारोबार बढ़ने का सीधा फायदा परिवहन, माल ढुलाई और डिलिवरी क्षेत्रों की नौकरियों में वृद्धि के रूप में दिखना तय माना जा रहा है।
पेट्रोल और डीजल सस्ता होने पर और घटेगी महंगाई
आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ अरुण कुमार ने हिन्दुस्तान को बताया है कि रिजर्व बैंक के कदमों के बजाए यदि सरकार या फिर तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल को सस्ता करें तभी महंगाई पर असली असर आएगा। उनके मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम काफी गिर गए हैं और सरकार के पास साथ ही तेल कंपनियों के पास दाम घटाने का अवसर भी है। यदि उनकी ओर से कदम उठाए जाते हैं तो एक साथ सभी चीजों के दामों की गिरावट में यह सहायक होंगे।
सस्ते कर्ज की राह रोक रही ऊंची मुद्रास्फीति
जानकारों की राय में महंगाई को लेकर चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं। महंगाई में केवल फल और सब्जियों के ही दाम गिरे हैं बाकी कई जरूरी चीजों के दामों की महंगाई और वैश्विक रुख को देखते हुए रिजर्व बैंक भले ही ज्यादा रेपो रेट न बढ़ाए। लेकिन इसे पूरी तरह बंद भी नहीं कर सकता है। रजनी सिन्हा के मुताबिक अभी भी एक चौथाई फीसदी रेपो रेट बढ़त को खारिज नहीं किया जा सकता है। वहीं अरुण कुमार के मुताबिक ग्लोबल सेंट्रल बैंकों के ही अनुरूप भारतीय रिजर्व बैंक भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है।